ट्रक से जा रहे आम लोगों पर बंदूकधारियों ने किया अटैक, 31 ने गंवाई जान
आम लोगों पर बंदूकधारियों ने किया अटैक
माली (Mali) में बंदूकधारियों ने नागरिकों को ले जा रहे ट्रक पर हमला (Gunmen Attack in Mali) कर दिया. इस हमले में 31 लोगों की मौत हो गई. एक स्थानीय अधिकारी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. बंदियागरा (Bandiagara) के मेयर हौसेनी सई ने कहा कि ट्रक में लगभग 50 नागरिक सवार थे. शुक्रवार को शहर के बाहर लगभग 10 किलोमीटर दूर बंदूकधारियों ने वाहन पर हमला कर दिया. माली के ट्रांजिशनल संसद के सदस्य और महापौर सई ने कहा कि गोलीबारी की वजह से ट्रक में आग लग गई और 31 लोगों की मौत हो गई. इस वजह से अधिकतर लोगों की जलकर मौत हो गई.
हौसेनी सई ने कहा कि इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं और दो लापता हैं. अभी तक हमले को लेकर किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन यह अल-कायदा (Al-Qaida) से जुड़े स्थानीय सशस्त्र समूहों द्वारा अंजाम दिया गया हो सकता है. रक्तपात मध्य माली में समुदायों के बीच तनाव को बढ़ा सकता है. इस वजह से क्षेत्र में हिंसा और अधिक बढ़ सकती है. माली सेना (Malian army) के खिलाफ अल-कायदा से जुड़े सशस्त्र समूहों द्वारा हमले 2015 में शुरू हुए. माली में नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) शांति सैनिकों पर होने वाले हमलों की वजह से असुरक्षा बढ़ गई है.
सेना के काफिले को बंदूकधारियों ने बनाया निशाना
इससे पहले, अगस्त में माली में बंदूकधारियों ने घात लगाकर सेना के काफिले पर हमला किया था. इस हमले में 15 सैनिकों की मौत हो गई थी. इससे कुछ दिन पहले देश के उत्तरी हिस्से में हुए एक अन्य हमले में दर्जनों आम नागरिकों की मौत हो गई थी. माली की सेना ने एक बयान में कहा था कि सैनिक दोउएंतजा कस्बे से बोनी की ओर जा रहे थे. इस दौरान उनके पास से गुजरे एक वाहन में विस्फोट हो गया. इसके बाद भीषण गोलीबारी शुरू हो गई. किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन इसके पीछे अल कायदा का हाथ था. 2012 में इस्लामी आतंकवादियों ने उत्तरी माली के प्रमुख कस्बों पर नियंत्रण कर लिया था.
अगस्त में ही उत्तरी माली के कई गांवों में बंदूकधारियों ने हमले कर दिये और कम से कम 40 लोगों की हत्या कर दी. यह हिंसा माली, नाइजर और बुर्किना फासो की सीमाओं के निकट हिंसाग्रस्त क्षेत्र में हुई जहां इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े चरमपंथी सक्रिय हैं. स्थानीय अधिकारी ओउमर सिस्से ने बताया था कि हमलावर औटागौना और कराउ समुदायों के बीच पहुंचे और खुद को जिहादी बताया. उन्होंने बताया कि अधिकांश पीड़ित अपने घरों के सामने थे अन्य लोग मस्जिद जा रहे थे. चरमपंथी वर्षों से इस क्षेत्र में खतरा बने हुए हैं.