सरकार : ग्लासगो सम्मेलन में सतत कृषि नीति के कार्रवाई एजेंडा पर भारत ने नहीं किए हस्ताक्षर

केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत ने ग्लासगो जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान सतत कृषि नीति के कार्रवाई एजेंडा पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

Update: 2021-11-10 03:11 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत ने ग्लासगो जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान सतत कृषि नीति के कार्रवाई एजेंडा पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस संबंध में आई मीडिया रिपोर्टों को आधारहीन और तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है, जिसमें कहा गया है कि भारत ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं।

कृषि मंत्रालय ने कहा कि देश में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने के लिए राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) चल रहा है जो जलवायु परिवर्तन संबंधी राष्ट्रीय कार्ययोजना का एक अंग है। एनएमएसए के तहत भारतीय कृषि को बदलती जलवायु के हिसाब से अधिक लचीला बनाने से जुड़ी रणनीतियों के विकास एवं क्रियान्वयन की कोशिश की जाती है।
मंत्रालय ने बताया कि एनएमएसए को तीन प्रमुख घटकों- वर्षाजल सिंचित क्षेत्र के विकास, खेतों में जल प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए स्वीकृत किया गया था। इसी के साथ मृदा स्वास्थ्य कार्ड, परंपरागत कृषि विकास योजना, पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैविक मूल्य श्रृंखला का विकास मिशन और कृषि-वानिकी के लिए एक छोटा अभियान शुरू किया गया था। वर्ष 2015-16 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई गई थी। इसके अलावा अप्रैल, 2018 में पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन भी शुरू किया गया था। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय कृषि को टिकाऊ बनाए रखने के लिए सरकार के स्तर पर कई कदम उठाए जा रहे हैं।


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