गूगल ने डीओजे के मुकदमे को बताया गलत, कहा- इनोवेशन क्षमता पर होगा असर

Update: 2024-12-23 07:29 GMT
वाशिंगटन: दिग्गज टेक कंपनी गूगल द्वारा सोमवार को यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (डीओजे) के मुकदमे और उसके 'ओवरबोर्ड प्रस्ताव' की आलोचना की गई है। साथ ही कहा कि कोर्ट में अपील करने से पहले, कंपनी ने अदालत के फैसले में वास्तविक निष्कर्षों के आधार पर अपना स्वयं का रेमेडीज प्रस्ताव दायर कर दिया है।
गूगल में रेगुलेटरी अफेयर्स की वाइस प्रेसिडेंस, ली-ऐन मुलहोलैंड ने कहा कि कंपनी इससे पूरी तरह असहमत है और डीओजे के सर्च वितरण मुकदमे में निर्णय के खिलाफ अपील करेगी। अपने रेमेडीज प्रस्ताव में गूगल ने कहा कि एप्पल और मोजिला जैसी ब्राउजर कंपनियों को अपने यूजर्स के लिए सर्वोत्तम समझे जाने वाले किसी भी सर्च इंजन के साथ डील करने की स्वतंत्रता जारी रहनी चाहिए।
मुलहोलैंड ने कंपनी के ब्लॉग पोस्ट में कहा कि कोर्ट ने स्वीकार किया कि ब्राउजर कंपनियां कभी-कभी गूगल की खोज गुणवत्ता का उसके प्रतिद्वंद्वियों के सापेक्ष मूल्यांकन करती हैं और गूगल को बेहतर पाती हैं और मोजिला जैसी कंपनियों इन अनुबंधों से आय आर्जित करती हैं। इस साल अक्टूबर में यूएस डीओजे और हर अमेरिकी राज्य के अटॉर्नी जनरल (एजी) के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया, गुआम और प्यूर्टो रिको ने गूगल के खिलाफ फेडरल एंटीट्रस्ट मुकदमे में एक रेमेडी फ्रेमवर्क प्रास्तव दायर किया था।
डीओजे के प्रस्तावित रेमीडी फ्रेमवर्क का अधिकांश हिस्सा खोज वितरण और राजस्व साझाकरण के लिए बाजार पर गूगल के प्रभावों को टारगेट करता है। गूगल के मुताबिक, डीओजे के प्रस्ताव की सबसे बड़ी समस्या है कि यह अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाएगा और अमेरिका के ग्लोबल टेक्नोलॉजी में नेतृत्व को कमजोर करेगा। इस प्रस्ताव के कारण हमें लोगों की निजी सर्च क्वेरी को विदेशी और घरेलू प्रतिद्वंद्वियों के साथ साझा करने की आवश्यकता होगी। इसका हमारी प्रोडक्ट इनोवेशन पर सीधा असर होगा।
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