लाखो भारतीयों के लिए खुशखबरी, अब सऊदी अरब में मिलेगी 'डायरेक्ट एंट्री', ओमीक्रॉन वेरिएंट के खतरे के बीच दी बड़ी राहत
सऊदी अरब ने तेल संपन्न मुल्क में काम करने वाले भारत, पाकिस्तान समेत अन्य देशों को बड़ी राहत प्रदान की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने तेल संपन्न मुल्क में काम करने वाले भारत, पाकिस्तान समेत अन्य देशों को बड़ी राहत प्रदान की है. देश के गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सऊदी अरब उन सभी देशों के यात्रियों को डायरेक्ट एंट्री (Saudi Arabia Direct Entry) की अनुमति देगा, जिन्होंने कम से कम वैक्सीन (Covid Vaccine) की एक डोज ली हुई है. वैक्सीन लगवाने वाले सभी देशों के नागरिकों को अगले शनिवार यानी कि चार दिसंबर से देश में प्रवेश करने की अनुमति देगा. किंगडम ने ये फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब दुनियाभर में कोरोना के नए ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) को लेकर दहशत का माहौल है.
हालांकि, गृह मंत्रालय ने कहा है कि किंगडम में प्रवेश करने वाले यात्रियों को तीन दिनों तक क्वारंटीन में रहना होगा. गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना के प्रसार को देखते हुए यात्रियों के डायरेक्ट प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. वहीं, जब एंट्री की अनुमति दी गई तो यात्रियों को किसी तीसरे देश में 14 दिनों तक क्वांरटीन में रहना होता था. यहां गौर करने वाली बात ये है कि सऊदी अरब ने भी बाकी के देशों की तरह ओमीक्रॉन वेरिएंट के खतरे को भांप लिया है और सबक लेते हुए दक्षिण अफ्रीका, नामिबिया, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, लेसोथो और इस्वातिनी से आने और वहां जाने वाले विमानों को सस्पेंड कर दिया है.
इजरायल ने विदेशियों के लिए बंद की अपनी सीमाएं
वहीं, ओमीक्रॉन वेरिएंट की दहशत को देखते हुए खाड़ी देशों के एक अन्य देश इजरायल ने बड़ा कदम उठाया है. इजरायल ने शनिवार को कहा कि ये सभी विदेशी यात्रियों के देश में एंट्री पर रोक लगा रहा है. इस तरह ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर पूरी तरह से अपनी सीमाओं को बंद करने वाला इजरायल पहला मुल्क बन गया है. प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) ने एक बयान में कहा कि ये प्रतिबंध 14 दिनों तक लागू रहने वाला है. अधिकारियों को उम्मीद है कि दो हफ्तों के बीच इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि ओमीक्रॉन वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी कारगर है. इसके बाद एहतियातन कदम उठाए जाएंगे.
WHO ने ओमीक्रॉन को घोषित किया चिंता वाला वेरिएंट
गौरतलब है कि 26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक सलाहकार समिति ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आए कोरोना के नए वेरिएंट को 'बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक वेरिएंट' करार दिया है और ग्रीक वर्णमाला के तहत इसे 'ओमीक्रॉन' नाम दिया. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा शुक्रवार को की गई यह घोषणा पिछले कुछ महीनो में वायरस के नए वेरिएंट के वर्गीकरण में पहली बार की गई है. इसी वर्ग में कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) को भी रखा गया था जिसका प्रसार दुनियाभर में हुआ था.