आज से ग्लोबल हेल्थ की मीटिंग, भविष्य के स्वास्थ्य संकटों से निपटने पर मंथन
ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ और कोलेशन फॉर एपेडमिक प्रीपेरेडनेस इननोवेशन भी सम्मेलन में शामिल हैं.
कोरोना महामारी से उत्पन्न गंभीर वैश्विक संकट के मद्देनजर आज से इटली में वैश्विक स्वास्थ्य सम्मेलन आयोजित हो रहा है. इस साल जी-20 देश और यूरोपीय आय़ोग इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं जबकि इटली इस सम्ममेलन का सह-मेजबान है. भारत की तरफ से शेरपा बनकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में यह सम्मेलन हो रहा है.
इस साल इस सम्मेलन मुख्य रूप से रोम घोषणापत्र पर चर्चा होगी. रोम घोषणापत्र में कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप हमने क्या सीखा, इस पर विस्तार से चर्चा की गई है और इससे उबरने के उपायों को अपनाने के लिए कहा गया. पिछले साल जी-20 के देशों ने कोरोना महामारी से उबरने के लिए समन्वित पहलों को अपनाने का संकल्प व्यक्त किया था.
भविष्य के स्वास्थ्य संकटों से निपटने पर मंथन
सम्मेलन से पहले इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने कहा, यह सम्मेलन समय रहते हमें अवसर प्रदान कर रहा है ताकि हम कोरोना से सीखे गए सबक को याद करते हुए इससे उबरने के उपायों को अपनाएं. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के पहलों पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा भविष्य के स्वास्थ्य संकटों से निपटने की हमारी क्षमता और एकजुटता की भावना में वृद्धि करने हेतु उपायों पर भी चर्चा की जाएगी.
कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की भागीदारी
इस सम्मेलन में लगभग पूरी दनिया के देश शामिल हो रहे हैं. जी-20 देशों के अलावा तीन गेस्ट देश सिंगपुर, स्पने और नीदरलैंड भी इस सम्मेलन में शामिल हैं. इसके अलावा यूरोपीय यूनियन के अध्यक्ष होने के नाते पुर्तगाल, एक्ट एसीलेरेटर के सह-मेजबान नोर्वे और स्विटजरलैंड शामिल हैं. सम्मेलन में कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की भी भागीदारी है. यूनाइटेड नेशन, WHO, IMF, OECD, AU, ASEAN, WTO, FAO, GAVI, Global Fund भी सम्मेलन का हिस्सा हैं. न्यू पार्टनरशिप ऑफ अफ्रीका डेवलपमेंट के सदस्य, ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ और कोलेशन फॉर एपेडमिक प्रीपेरेडनेस इननोवेशन भी सम्मेलन में शामिल हैं.