G7 बैठक संपन्न: ट्रंप की टैरिफ नीति पर गरमाया माहौल

Update: 2025-03-15 03:02 GMT
G7 बैठक संपन्न: ट्रंप की टैरिफ नीति पर गरमाया माहौल
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इटली | इटली में आयोजित जी-7 (G7) देशों की बैठक व्यापारिक तनाव, वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के मुद्दों पर तीखी बहस के साथ समाप्त हो गई। इस बार की बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर रही, जिस पर कनाडा सहित कई देशों ने खुलकर नाराजगी जताई।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना नाम लिए ट्रंप की नीति पर हमला बोलते हुए कहा, "मुक्त और निष्पक्ष व्यापार ही वैश्विक विकास की कुंजी है, न कि संरक्षणवाद और भारी टैरिफ लगाकर बाजारों को सीमित करना।" इस बयान को अमेरिका की संभावित नीतियों के खिलाफ एक बड़ा संदेश माना जा रहा है।


ट्रंप की टैरिफ नीति बनी विवाद का केंद्र

बैठक के दौरान यूरोपीय संघ (EU), जापान और कनाडा ने अमेरिका की टैरिफ नीति पर चिंता जाहिर की। ट्रंप ने हाल ही में संकेत दिया था कि अगर वे 2024 में फिर से राष्ट्रपति बने तो चीन सहित कई देशों पर भारी टैरिफ लगाएंगे। इस घोषणा के बाद जी-7 देशों में असंतोष बढ़ गया है, क्योंकि इससे वैश्विक व्यापार असंतुलित हो सकता है।

बैठक में उठे मुख्य मुद्दे:

  1. अमेरिकी टैरिफ नीति और संरक्षणवाद:
    जी-7 देशों ने इस पर गहरी चिंता जताई और व्यापार संतुलन बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया।
  2. यूक्रेन युद्ध और रूस पर प्रतिबंध: यूक्रेन संकट पर सभी देशों ने एकजुटता जताई और रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाने की संभावनाओं पर चर्चा की।
  3. चीन की आर्थिक और सैन्य गतिविधियां: चीन की बढ़ती आर्थिक पकड़ और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उसके प्रभाव पर भी बैठक में चर्चा हुई।

कनाडा का कड़ा रुख, अमेरिका पर निशाना

बैठक में कनाडा सबसे मुखर रहा और उसने अमेरिका की व्यापार नीतियों को कटघरे में खड़ा कर दिया। ट्रूडो ने कहा कि "अगर बड़ी अर्थव्यवस्थाएं संरक्षणवादी बन जाएंगी, तो इससे छोटे देशों को भारी नुकसान होगा।" यह सीधा इशारा ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति की ओर था, जिसे पहले भी विवादास्पद माना गया था।

यूरोपीय संघ और जापान ने भी ट्रूडो का समर्थन किया, जिससे यह साफ हो गया कि ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर वैश्विक मंच पर असहमति बनी हुई है।


आगे क्या?

  • अगर ट्रंप 2024 में फिर से राष्ट्रपति बने, तो वैश्विक व्यापार पर भारी असर पड़ सकता है
  • जी-7 देश अब अमेरिकी नीतियों को संतुलित करने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं
  • यूरोप और एशिया के बाजारों में अमेरिका के संभावित टैरिफ प्रभाव को कम करने के लिए नई व्यापारिक रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं

इस बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि अगर ट्रंप सत्ता में लौटते हैं, तो वैश्विक व्यापार समीकरणों में बड़ा बदलाव हो सकता है। अब सबकी निगाहें अमेरिका की नीतियों और आगामी चुनावों पर टिकी हैं, जिनका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।


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