जी-7 देशों ने रूस की निंदा की, कहा- लगाएंगे और प्रतिबंध, युद्ध में यूक्रेन की हार सभी लोकतंत्रों की पराजय होगी

जर्मनी में हो रही जी-7 देशों की बैठक में दूसरे दिन यूक्रेन-रूस युद्ध पर चर्चा हुई।

Update: 2022-06-28 01:10 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जर्मनी में हो रही जी-7 देशों की बैठक में दूसरे दिन यूक्रेन-रूस युद्ध पर चर्चा हुई। इस दौरान सम्मेलन में मौजूद सभी नेताओं ने कहा कि वे सब यूक्रेन के साथ हैं। बैठक के बाद सभी देशों ने एक साझा बयान जारी किया। जिसमें नेताओं ने बताया कि बेलारूस को रूसी परमाणु मिसाइल ट्रांसफर करना 'गंभीर चिंता' का विषय है। जी-7 नेताओं ने कहा कि वे रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को आगे भी जारी रखेंगे।

इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ एक सत्र के दौरान नेताओं से कहा रूस के साथ युद्ध के मुद्दे पर हम यूक्रेन के साथ हैं। पीएम ड्रैगी ने कहा कि रूस के खिलाफ युद्ध में हार सभी लोकतंत्रों की हार होगी।
संयुक्त बयान में जी-7 नेताओं ने रूस के यूक्रेन पर हमले को अकारण और अनुचित बताते हुए उसकी निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि जी-7 नेताओं ने यूक्रेन को 29.5 बिलियन अमरीकी डालर के समर्थन का वादा किया है।
जी-7 नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि हम रूस और बेलारूस द्वारा सहायता प्राप्त यूक्रेन के खिलाफ क्रूर, अकारण, अन्यायपूर्ण और अवैध आक्रमण की निंदा करते हैं। नेताओं ने कहा कि हम इसे मान्यता नहीं देंगे। इस विनाशकारी युद्ध ने यूरोप में कहीं अधिक नाटकीय परिणाम उत्पन्न हुए हैं।
जी-7 कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का अंतर-सरकारी राजनीतिक समूह है। जर्मनी G7 के अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
भारत-ब्रिटेन शुरु करेंगे राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी
भारत और ब्रिटेन मिलकर राष्ट्रमंडल राजनयिक अकादमी शुरू करेंगे। यह दोनों देशों के युवा राजनयिकों को प्रशिक्षित करेगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनकी ब्रिटिश समकक्ष लिज ट्रस की पिछले सप्ताह रवांडा में हुई बैठक के बाद यह घोषणा की गई है।
लिज ट्रस ने कहा, अकादमी के स्नातक राष्ट्रमंडल को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों में लोकतंत्र और संप्रभुता के मूल्यों को समर्थन की जरूरत है। ब्रिटेन और भारत 21वीं सदी के लिए अनुकूल एक आधुनिक रामष्ट्रमंडल बनाने और इसके सदस्यों को ठोस लाभ पहुंचाने के लिए यह पहल कर रहे हैं। रवांडा में दोनों नेताओं ने संयुक्त घोषणा में कहा था कि अकादमी दिल्ली में खोली जाएगी।
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