उम्र के आधार पर इस देश में होगा Vaccination, भड़के पुलिस-टीचर जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स

ब्रिटेन (Britain) में कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीनेशन (Vaccination) अभियान जारी है

Update: 2021-02-27 08:24 GMT

ब्रिटेन (Britain) में कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीनेशन (Vaccination) अभियान जारी है. बड़े पैमाने पर लोगों को वैक्सीन (Vaccine) की खुराक दी जा रही है. वर्तमान में ब्रिटेन में फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी जा रही है. लेकिन एक एडवायजरी ग्रुप ने कहा है कि ब्रिटेन में वैक्सीनेशन के अगले फेज में वैक्सीन को व्यावसायिक जोखिम के बजाय उम्र के आधार पर लगाना होगा. इसके बाद से पुलिस और टीचरों के बीच खासा रोष है. दरअसल, इनका कहना है कि इनके काम में संक्रमित होने का अधिक जोखिम है, इसलिए इन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए.


टेलीवाइज्ड प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक (Matt Hancock) ने कहा कि ब्रिटेन की टीकाकरण और प्रतिरक्षा पर संयुक्त समिति (JCVI) ने वैक्सीन खुराक को उम्र के आधार पर लगाने का सुझाव दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा, वैक्सीन लगाने का ये सबसे तेज और आसान तरीका है. हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम पहले जीवन बचाएं और यही हमने किया है.
अब तक 1.9 करोड़ लोगों को लगी वैक्सीन

ब्रिटेन में अब तक 1.9 करोड़ लोगों को कम से कम वैक्सीन की एक खुराक दी गई है. इसमें 35 फीसदी व्यस्क आबादी भी शामिल है, जिसे वैक्सीन लगाई गई है. सरकार ने कहा है कि इसने जुलाई के आखिर तक अपनी सारी आबादी को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है. JCVI ने शुक्रवार को पहले घोषणा की कि मध्य अप्रैल तक ये 50 के उम्र के लोगों और कमजोर समूहों को वैक्सीन लगाने का इरादा रखता है. इसके बाद 40 के उम्र वाले लोगों को वैक्सीन खुराक दी जाएगी. फिर 30 के उम्र के लोगों और 18 से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी.
उम्र के जरिए वैक्सीन लगाने से बढ़ेगी वैक्सीनेशन की रफ्तार
JCVI के सदस्य प्रोफेसर वी शेन लिम ने कहा कि व्यावसायिक जोखिम के बजाय उम्र के हिसाब से वैक्सीन लगाने से वैक्सीनेशन प्रक्रिया में तेजी आएगी. उम्र आधारित प्रोग्राम काफी सरल होगा. इसके जरिए स्पीड और सफलता भी देखने को मिलेगी. वर्तमान में वैक्सीन की रफ्तार एक मुख्य फैक्टर है. हालांकि, इस निर्णय की पुलिस द्वारा जमकर आलोचना की गई. इस फैसले की तुलना पुलिस के साथ किए गए धोखे से की गई है. हाल के दिनों में ब्रिटेन में कोरोना के मामलों में गिरावट भी देखने को मिली है. इस कारण जल्द ही प्रतिबंधों में ढील भी दी जा सकती है.


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