ट्रंप महाभियोग के आरोप से हुए मुक्त, क्या 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में होंगे उम्मीदवार?
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर महाभियोग से बचने में सफल रहे, क्योंकि
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर महाभियोग से बचने में सफल रहे, क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी के उनके साथियों ने उनका समर्थन किया। सीनेट के इस फैसले को ट्रंप की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। इस फैसले के दूरगामी परिणाम होंगे। इस फैसले के बाद ट्रंप के राजनीतिक करियर में गतिरोध की आशंका समाप्त हो गई है। खास बात यह है कि ट्रंप देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिन पर दो बार महाभियोग का मामला चलाया गया है। ट्रंप ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिसके खिलाफ उन्हीं की पार्टी के सबसे अधिक लोगों ने वोट किया। महाभियोग से मुक्त के बाद ट्रंप 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में खड़े हो सकते हैं। अब वह चुनाव लड़ने के योग्य हैं।
सुरक्षित और सुदृढ़ हुई ट्रंप की बिरासत
ट्रंप पर महाभियोग की प्रक्रिया शुरू होते ही यह बहस तेज हो गई थी कि उनकी राजनीतिक बिरासत का क्या होगा। अब यह सवाल पूरी तरह से निराधार हो चुका है। प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि कैपिटेल हिल की घटना ने यह साबित किया था कि ट्रंप एक जमीनी नेता हैं। इससे यह बात साबित हो गई थी कि रिपब्लिकन बेस अभी ट्रंप के साथ है। ट्रंप के समर्थक उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। वह अभी भी अमेरिकी राजनीति में प्रासंगिक है। उनके पास एक बड़ा जनाधार है। इसलिए इस बात की संभावान प्रबल है कि वह अमेरिकी राजनीति में सक्रिय रहेंगे।
2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में वह एक बार फिर अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब जब वह इस हिंसा कराने के आरोप से बरी हो गए हैं तब उनको अमेरिकी लोगों की सहानुभूति भी मिलेगी। यह सब कुछ ट्रंप के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि यह ट्रंप की लोकप्रियता का ही असर है कि सीनेट में बहुत से रिपिब्लिकन सदस्य उनके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। पंत का मानना है कि अब अमेरिका में और खासकर रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप की भूमिका बढ़ गई है।
प्रो. पंत ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी निश्चित रूप से ट्रंप के लोकप्रियता का लाभ जरूर लेना चाहेगी। इसलिए यह उम्मीद है कि वह अगले चुनाव में उम्मीदवार घोषित किए जाए। उन्होंने कहा कि हालांकि, अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनने की अलग प्रक्रिया है। सबकुछ पार्टी पर ही निर्भर नहीं करता। ऐसे में ट्रंप की लोकप्रियता उनके काम जरूर आ सकती है।
महाभियोग से बरी होने के बाद ट्रंप का यह बयान कि हम अमेरिका को महान बनाने के लिए अपनी कोशिश जारी रखेंगे। प्रो पंत का मानान है कि ट्रंप के इस बयान को इसी रूप में लेना चाहिए कि उनका राजनीतिक करियर यही खत्म नहीं होता है। अभी वह अमेरिकी राजनीति में सक्रिय रहेंगे।
यूं बरी हुए डोनाल्ड ट्रंप
आखिरकार ट्रंप को 6 जनवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा भड़काने के आरोप से बरी कर दिया गया है। इसके पूर्व शनिवार को ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर सुनवाई पूरी कर वोटिंग की गई। 57 सीनेटरों ने उन्हें दोषी ठहराया और 43 सीनेटरों ने उन्हें इस अपराध से के लिए दोषी नहीं ठहराया। ट्रंप को दोषी करार देने के लिए सीनेट को जरूरी दो तिहाई बहुमत यानी 67 वोटों की जरूरत थी, जो नहीं मिल सका। ट्रंप के वकील ने उनका बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस पर हमला सुनियोजित था। इसके लिए पहले से योजना बनाई गई थी। इस घटना को ट्रंप के भाषण से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। वकील ने कहा कि महाभियोग का कोई कानूनी आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि सीनेट को मौजूदा वक्त में राष्ट्रीय हितों से जुड़े गंभीर मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।