फ्रांस ने ओमिक्रॉन के बढ़ते केस के बाद UK पर लगाया ट्रैवेल बैन, यहां जानें नए नियम
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों की चिंता के बीच फ्रांस ने ब्रिटेन से आने-जाने के लिए यात्रा पर रोक लगाने की घोषणा की.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते मामलों की चिंता के बीच फ्रांस (France) ने ब्रिटेन (UK Travel Ban) से आने-जाने के लिए यात्रा पर रोक लगाने की घोषणा की. यात्रा के लिए कारणों की सीमा तय करते हुए फ्रांस पहुंचने पर 48 घंटे के आइसोलेशन को अनिवार्य कर दिया गया है. ब्रिटेन में गुरुवार को 24 घंटे के अंदर कोरोना के 88 हजार 376 संक्रमित मिले. ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में मामलों की संख्या में और इजाफा हो सकता है.
शुक्रवार आधी रात से ब्रिटेन आने-जाने पर लगेगी रोक
फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कैस्टेक्स ने कहा कि ब्रिटेन में ओमिक्रोन वेरिएंट के तीव्र प्रसार के मद्देनजर शुक्रवार आधी रात के बाद ये उपाय प्रभावी होंगे. फ्रांस सरकार के एक प्रवक्ता ने स्थानीय मीडिया से कहा कि ब्रिटेन से पर्यटन और कारोबारी यात्राएं पूरी तरह से बंद रहेंगी. ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को 24 घंटे पुरानी कोविड निगेटिव रिपोर्ट पेश करनी होगी.
फ्रांस के फैसले से ब्रिटेन के साथ बढ़ सकता है तनाव
अचानक उठाए गए इस कदम से यात्रा करने वाले दोनों देशों के परिवारों और अन्य लोगों की यात्रा योजना प्रभावित होगी. कुछ यात्रियों ने इस कदम को राजनीतिक रूप से प्रेरित होने को लेकर सवाल खड़ा किया है. वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता मैक्स ब्लेन ने कहा कि जॉनसन की इस कदम को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से कोई चर्चा नहीं हुई थी. ब्रिटेन की इस तरह की जवाबी उपाय की कोई योजना नहीं है.
ओमिक्रॉन में 70 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमित करने की क्षमता
एक स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन में 70 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमित करने की क्षमता है. इसी अध्ययन में यह भी कहा गया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट ज्यादा गंभीर रोग नहीं बन पाएगा. स्टडी के मुताबिक ओमिक्रॉन, डेल्टा और कोविड-19 के वास्तविक स्ट्रेन से ज्यादा प्रभावी तरीके से संक्रमित कर सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के रिसर्चर्स ने पाया है कि ओमिक्रॉन इंसान के श्वास (Human Bronchus) को क्षमता को डेल्टा वेरिएंट और इसके वास्तविक SARS-CoV-2 रूप से 70 गुना ज्यादा तेजी से संक्रमित कर सकता है. इससे यह पता चला है कि आखिर यह कोरोना के पूर्व में मिले अन्य वेरिएंट से ज्यादा तेजी से ट्रांसमिट क्यों हो रहा है. बता दें कि ह्यूमन Bronchus के जरिए हवा शरीर के निचले हिस्सों में जाती है और फिर यह फेफड़ों तक पहुंचती है. (