फ्रांस ने इस्लाम पर लगाईं पाबंदियां, मुसलमान हुए नाखुश
फ्रांस पिछले कुछ सालों से इस्लामिक आतंकवाद का शिकार रहा है. फ्रांस यूरोप में सर्वाधिक हिंसा भी झेल चुका है
पेरिस: फ्रांस पिछले कुछ सालों से इस्लामिक आतंकवाद का शिकार रहा है. फ्रांस यूरोप में सर्वाधिक हिंसा भी झेल चुका है, जिसकी वजह से बहुसंख्यक समाज गुस्से में भी है. फ्रांस की सरकार पर लगातार दबाव बन रहा था कि वो इस्लामिक आतंकवाद और इस्लाम के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाए, जिसके बाद अब फ्रांस की सरकार रमजान माह की शुरुआत में काफी कड़े कानून लेकर आई है. इन कानूनों की वजह से फ्रांस के मुसलमानों में गुस्सा है.
बिल के पक्ष में 208 वोट पड़े तो खिलाफ में 109
फ्रांस की सीनेट ने कट्टरपंथ इस्लाम पर लगाने के मकसद से लाए गए बिल को पास कर दिया है. इन प्रावधानों को पहले ही देश की नेशनल असेंबली ने मंजूरी दे दी थी. सीनेट में इस बिल के पक्ष में 208 वोट पड़े तो खिलाफ में 109. तमाम प्रावधानों पर चली लंबी बहसों के बाद इस बिल को सीनेट में पेश किया गया है.
कट्टरपंथियों को अलग-थलग करने की कोशिश
इस बिल को लेकर कहा जा रहा है कि ये मुसलमानों को अलग-थलग करने का जरिया बनेगा. इसमें और कई संशोधनों को शामिल किया गया है, जिनमें तमाम प्रावधानों को सख्त बनाया गया है. बिल में शामिल किए गए नए संशोधनों का मकसद अतिवाद से मुकाबला करना है. इनमें वो तमाम प्रावधान शामिल हैं जिनमें स्कूल ट्रिप के दौरान बच्चों के माता-पिता के धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक, नाबालिग बच्चियों के चेहरे छिपाने अथवा 'सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रतीकों' को धारण करने पर रोक लगाने की बात कही गई है.
बुर्के पर भी बैन
द इंडिपेंडेंट की खबर के मुताबिक, इन संशोधनों में शैक्षिक परिसर, शादी समारोहों में विदेशी झंडा लहराने पर रोक लगाने का भी प्रावधान है. पब्लिक स्विमिंग पूल में बुर्का पहनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, जो लंबे समय से विवाद का विषय रहा है. फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने अंतिम समय में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अनुरोध पर प्राइवेट स्कूलों में विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ लड़ने के लिए एक संशोधन भी जोड़ा. यह संशोधन फ्रेंच अफसरों को विदेशी संगठनों को फ्रांस में प्राइवेट स्कूलों की स्थापना से रोकने की अनुमति देगा.
मुसलमानों में नाराजगी
फ्रांस की सीनेट से पास हो चुके इस बिल में ऑनलाइन घृणा से निपटने, होम स्कूलिंग, वर्जिनिटी सर्टिफिकेट और बहुविवाह पर रोक लगाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं. हालांकि मुस्लिमों को निशाने बनाने वाले मैक्रों सरकार के इन विधायी प्रावधानों की तीखी आलोचना हो रही है. कहा जा रहा है कि इस बिल के जरिये फ्रांस में मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है.