पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह सिराजुद्दीन हक्कानी को लेकर भड़के, कहा- तालिबान पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को कर रहा सपोर्ट

अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने एक बार फिर तालिबान को लताड़ लगाई है.

Update: 2022-03-12 03:34 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने एक बार फिर तालिबान (Taliban) को लताड़ लगाई है. सालेह ने तालिबान पर पाकिस्तान (Pakistan) समर्थित आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने 'मोस्ट वांटेड' सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) को अफगानिस्तान के गृह मंत्री के रूप में नियुक्त करने के लिए भी चरमपंथी समूह की आलोचना की. हाल ही में सिराजुद्दीन हक्कानी को पहली बार सार्वजनिक रूप से देखा गया और उसकी तस्वीरों को रिलीज किया गया. इससे पहले तक वह पाकिस्तान के समर्थन से छिपता रहा था.

अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट किया, 'हम अफगानिस्तान को फिर कभी आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल नहीं करने देंगे. लेकिन, अगर उन्हें पाकिस्तान का समर्थन हासिल है. वे दोहा सौदे पर हस्ताक्षर करते हैं और उनमें से मोस्ट वांटेड 10 मिलियन डॉलर का इनामी है और वह गृह मंत्री बन जाता है. संयुक्त राष्ट्र और NGO उसके साथ काम कर सकते हैं.' सालेह अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की चुनी हुई सरकार को गिराने और देश में तालिबान की वापसी के बाद से ही चरमपंथी संगठन पर हमला बोल रहे हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही देश बदहाल है.
तालिबान की वजह से बदहाल अफगानिस्तान
युद्ध के बाद बदहाल हुए मुल्क के पूर्व उपराष्ट्रपति ने दावा किया कि अफगानिस्तान मनोवैज्ञानिक रूप से टूट चुका है. देश में जातीय विभाजन बढ़ चुका है. अपराध और भ्रष्टाचार भी अपने चरम पर हैं और रिकॉर्ड स्तर पर इसमें इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा कि तालिबान की वापसी के बाद से ही महिलाओं की भागीदारी कम हो गई है और वह घरों की चार दीवारी के बीच सिमट कर रह गई हैं. सालेह ने आगे आरोप लगाया कि अनपढ़ और अप्रमाणित मदरसा ग्रैजुएट लोगों को नौकरशाही में शामिल कर लिया गया है. तालिबान की वापसी के बाद से ही अफगानिस्तान को मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय मदद बंद हो चुकी है.
पाकिस्तान पर लगाया इस्लामिक स्टेट का समर्थन का आरोप
पिछले महीने, अमरुल्ला सालेह ने पाकिस्तान को भी फटकार लगाई. उन्होंने दावा किया कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया-खोरासन (ISIS-K) अफगानिस्तान में अमेरिका के नेतृत्व वाले ओवर द होराइजन (OTH) ऑपरेशन के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस को किराए पर लिए हुए है. उन्होंने कहा कि तालिबान द्वारा आजाद किए गए 600 IS-K के प्रमुख आतंकियों के परिवार इस समय पाकिस्तान में रह रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ISIS-K इस्लामिक स्टेट से जुड़ा हुआ है. ये आतंकी संगठन दक्षिण के साथ-साथ मध्य एशिया में भी एक्टिव है. आतंकी संगठन की स्थापना जनवरी 2015 में पूर्वी अफगानिस्तान में की गई थी.
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