पूर्व उप राष्ट्रपति बोले - ऐसा हुआ तो मार देना मेरे सिर में गोली, तालिबान के सामने नहीं करेंगे सरेंडर

Update: 2021-09-05 15:17 GMT

कभी अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरुल्लाह सालेह इन दिनों अपने देश के आत्मसम्मान के लिए लड़ रहे हैं। वह पंजशीर घाटी में तालिबान लड़ाकों के खिलाफ रेजिस्टेंस फोर्सेज का नेतृत्व कर रहे हैं। इस बीच सालेह ने ब्रिटिश न्यूजपेपर डेली मेल में एक लेख लिखा है। सालेह ने लिखा है कि अगर पंजशीर में लड़ाई के दौरान वो घायल हो जाते हैं तो उन्होंने अपने गार्ड्स को खास इंस्ट्रक्शन दिया है। उनसे कहा गया है कि ऐसा होने पर वो मेरे सिर में दो गोलियां मार दें, क्योंकि मैं तालिबान के सामने आत्मसमर्पण नहीं करना चाहता।

अपने पंजशीर पहुंचने के बारे में सालेह ने लिखा है कि वह दो सैन्य वाहनों और दो पिकअप ट्रक से वहां के लिए निकले। इन ट्रकों पर बंदूकें लगी हुई थीं। पंजशीर जाते वक्त रास्ते में दो बार इस कॉन्वॉय पर हमला हुआ। उन्होंने लिखा है कि हमने बहुत मुश्किल के बाद नॉर्दन पास को पार किया। यहां पर कई तरह की गौरकानूनी गतिविधियां चल रही थीं। हर तरफ ठग, चोरों और तालिबान का राज था। हमारे ऊपर भी दो बार हमले हुए लेकिन हम लोग बच गए। हमने बहुत कठिनाई के साथ यह रास्ता पार किया।

सालेह ने आगे लिखा है कि जब वह पंजशीर पहुंच गए तो उन्हें संदेश मिला। इसमें बताया गया कि समुदाय के बुजुर्ग मस्जिद में इकठ्ठे हुए हैं। मैं वहां पहुंचा और उनसे करीब एक घंटे तक बात की। इसके बाद उनमें से हरेक हमारा समर्थन करने को तैयार था। उन्होंने बताया कि पिछले 20 साल से पंजशीर एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन था। यहां पर हमारे पास न तो कोई मिलिट्री उपकरण थे और न ही हथियार। लेकिन मैंने वहां पर अहमद मसूद के साथ मिलकर युद्ध की रणनीति बनाई और अभी तक सब सही चल रहा है।

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