विदेश मंत्री का प्रस्ताव, भारत-पाकिस्तान के तनाव कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है सऊदी अरब

सऊदी अरब (Saudi Arabia) के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद का कहना है

Update: 2021-05-10 18:24 GMT

सऊदी अरब (Saudi Arabia) के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद का कहना है कि उनका देश भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है. पाकिस्तान टेलीविजन के साथ एक इंटरव्यू के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) की सऊदी अरब की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के साथ काफी विस्तार से निपटा है.

पाकिस्तान और भारत के बीच अक्सर खराब संबंधों के बारे में बात करते हुए प्रिंस फैसल ने विवादित कश्मीर क्षेत्र में एलओसी पर युद्धविराम को फिर से बहाल करने के लिए दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों की प्रशंसा की. उन्होंने इस कदम को सही दिशा में उठाया गया एक 'बेहतरीन' कदम करार दिया है.
सीजफायर से हैं उम्मीदें
वाशिंगटन में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत ने हाल ही में पुष्टि करते हुए कहा था कि उनके देश ने एलओसी पर सीजफायर बहाल करने में अहम भूमिका निभाई थी. राजदूत यूसेफ अल ओतैबा ने कहा कि उम्मीद है कि सीजफायर से एक स्वस्थ स्तर पर रिश्ते फिर से बहाल होंगे. बता दें कि यूएई सऊदी अरब का करीबी सहयोगी है.
वीडियो लिंक के माध्यम से लिए गए इंटरव्यू के दौरान, प्रिंस फैसल ने प्रधानमंत्री खान की अपने देश की यात्रा को 'द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण' करार दिया. उन्होंने कहा कि इमरान खान की यात्रा 'आपसी' संबंधों के इतिहास में बेहद अहम है. पाक प्रधानमंत्री की यात्रा सफल रही और इस दौरान कई विषयों पर गौर किया गया.
सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर थे इमरान खान
उन्होंने बताया कि दोनों देशों के नेताओं ने आर्थिक सहयोग, निवेश और व्यापार की सुविधा पर ध्यान केंद्रित किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री इमरान खान और सऊदी अरब के युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान के बीच हुई उच्च स्तरीय वार्ता के बाद शनिवार रात को एक संयुक्त बयान जारी किया था, जिसपर दोनों देश के बीच सहमति बनी थी. बता दें कि इमरान खान सात मई से नौ मई तक सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर थे.
संयुक्त बयान के मुताबिक, 'दोनों पक्षों ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित मुद्दों खासकर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच संवाद के महत्व पर जोर दिया है, ताकि क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित हो सके.' बयान में कहा गया कि युवराज ने 'भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 के एक समझौते के आधार पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम के संबंध में दोनों देश के सैन्य अधिकारियों के बीच बनी हालिया समझ का स्वागत किया है.'


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