विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी दौरे पर बताया QUAD का महत्व, बोले-क्वाड पर हमारा रुख साफ
क्वाड में भारत की सदस्यता को लेकर उसका रुख साफ है
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चार देशों का अनौपचारिक समूह 'क्वाड' समकालीन वक्त में उभरे एक बेहद अहम अंतर को भरता है. इस समूह में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं. विदेश मंत्री ने यहां अपनी अधिकतर बैठकें समाप्त करने के बाद शुक्रवार को भारतीय संवाददाताओं के एक समूह से कहा, 'क्वाड आज समकालीन वक्त में उभरे अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंतर को भरता है, जहां कई वैश्विक या क्षेत्रीय जरूरतें हैं. जिन्हें कोई एक देश पूरा नहीं कर सकता है.'
उन्होंने कहा, 'यह किसी एक द्विपक्षीय संबंध द्वारा भी नहीं भरा जा सकता और जिससे बहुपक्षीय स्तर पर भी नहीं निपटा जा रहा. अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे जयशंकर 20 जनवरी को जो बाइडेन (Joe Biden) के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से देश की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय कैबिनेट मंत्री हैं (QUAD Grouping Countries). उन्होंने कहा कि क्वाड में भारत की सदस्यता को लेकर उसका रुख साफ है.
'क्वाड पर हमारा रुख साफ'
साथ ही कहा कि वह पिछले कई वर्षों से इस समूह की प्रगति में व्यक्तिगत तौर पर शामिल रहे हैं, तब से जब वह भारत के विदेश सचिव थे. क्वाड का लक्ष्य हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक कार्रवाइयों के बीच सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था को मजबूत करना है (S. Jaishankar on QUAD Group). जयशंकर ने कहा, 'हम क्वाड के सदस्य हैं. हम जब किसी भी चीज के सदस्य होते हैं, तो हम उसे लेकर बहुत उत्सुक होते हैं. नहीं तो हम इसके सदस्य ही नहीं होते. क्वाड पर हमारा रुख साफ है.'
क्वाड के मुद्दे पर भी की बात
विदेश मंत्री और बाइडेन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के बीच जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें क्वाड का मुद्दा भी शामिल था. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन, रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान से मुलाकात की (QUAD Group in Hindi). मंत्री ने कहा, 'क्वाड पहले भी और अब भी हाल के वर्षों में नौवहन सुरक्षा एवं संपर्क पर चर्चा करता है. इसने प्रौद्योगिकी, आपूर्ति श्रृंखला और वैक्सीन उत्पादन के मुद्दों पर भी चर्चा शुरू कर दी है.
'बहुत-बहुत चिंताएं' हैं
उन्होंने कहा, 'इसके अलावा नौवहन सुरक्षा को भी लेकर कुछ मुद्दे हैं. कुल मिलाकर, कई तरह के मुद्दे हैं.' किसी देश का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा कि 'बहुत, बहुत चिंताएं' हैं, जिन्हें किसी न किसी को तो देखना होगा. विदेश मंत्री ने कहा कि बड़े देश इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं (QUAD Group Aim). हालांकि, देशों का समूह मिलकर साझा हितों एवं स्थितियों को लेकर चर्चा करे तो अधिकांश मुद्दों का हल हो जाएगा.