मोदी सरकार ने जिस तरह से कोरोना को कंट्रोल किया, उसके मुरीद हुए विदेशी मीडिया, जमकर की तारीफ
मोदी सरकार ने जिस तरह से कोरोना को कंट्रोल किया है, उसका अमेरिकी मीडिया भी मुरीद हो गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मोदी सरकार (Modi Government) ने जिस तरह से कोरोना को कंट्रोल किया है, उसका अमेरिकी मीडिया भी मुरीद हो गयाहै. 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने भारत में तेजी से हुए 100 करोड़ कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) डोज सहित महामारी के बढ़ते प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ की है. हालांकि, मीडिया हाउस ने पिछले कुछ दिनों में रोजाना वैक्सीनेशन में आई कमी पर चिंता भी जताई है.
भारतीय नेताओं की तारीफ
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि भारत में कोरोना महामारी का संकट अब कम होता नजर आ रहा है. यहां 7 महीने पहले तक एक दिन में हजारों लोगों की मौत हो रही थी, जो घटकर प्रतिदिन 500 से नीचे आ गई हैं. जो निश्चित तौर पर सरकारी प्रयासों की सफलता को दर्शाता है. अखबार ने वैक्सीनेशन नीतियों में सुधार करने के लिए भारतीय नेताओं की भी तारीफ की है.
राजनीतिक फायदा मिलेगा
NYT ने अपनी रिपोर्ट में में कहा गया है कि मोदी सरकार ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा किया. सरकार इस कामयाबी को जनता के सामने साबित करने में सफल हुई है. मोदी सरकार को भविष्य में इसका राजनीतिक फायदा मिल सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने जनवरी में भारत के लिए कोवीशील्ड की 10 करोड़ खुराक अलग रखी थीं, लेकिन सरकार ने उस महीने सिर्फ 1.1 करोड़ डोज खरीदे.
इसके लिए सराहा
अमेरिकी अखबार ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए आगे लिखा है कि भारत ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा किया, जो असंभव लग रहा था. कोरोना वायरस के चलते मार्च 2020 से स्कूल बंद हो गए थे, जो अब खुल रहे हैं. इससे पता चलता है कि हालात सामान्य हो रहे हैं. NYT ने कहा है कि मोदी सरकार की घर-घर वैक्सीनेशन करने की योजना है, इससे फायदा मिलेगा. कुछ वक्त पहले तक रोजाना संक्रमण 42,000 था, अब करीब 12,000 प्रतिदिन है.
इस पर जताई चिंता
'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने चिंता जताते हुए कहा है कि भारत में वैक्सीनेशन धीमा हो गया है. फेस्टिव सीजन के कारण बाजारों में लोगों की भीड़ लग रही है, जो खतरनाक हो सकती है. कई राज्यों में वैक्सीनेशन कैंप बंद कर दिए गए हैं और सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं से कहा जा रहा है कि अब उनकी जरूरत नहीं है. संक्रमण कम होने पर लोग लापरवाह हो गए हैं. सार्वजनिक स्थानों पर लोग बिना मास्क लगाएं घूम रहे हैं.