Madrid। स्पेन में भारतीय राजदूत दिनेश के. पटनायक ने बुधवार को मैड्रिड में आयोजित दुनिया के सबसे प्रमुख पर्यटन मेलों में से एक ‘फितुर’ 2025 के उद्घाटन समारोह में शिरकत की। इस अंतरराष्ट्रीय मेले में स्थापित ‘अतुल्य भारत मंडप’ में भारतीय राज्यों ने अपनी पर्यटन खूबियों को प्रदर्शित किया। विशेष तौर पर केरल मंडप में प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद और कथकली, मोहिनीअट्टम तथा थेय्यम पर मनमोहक पारंपरिक प्रस्तुतिओं ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
22 जनवरी से शुरू हुआ यह कार्यक्रम 26 जनवरी तक चलेगा, जिसमें वैश्विक यात्राओं तथा सांस्कृतिक अनुभवों को प्रदर्शित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान राजदूत पटनायक ने अतुल्य भारत मंडप का उद्घाटन किया, जिसमें भारतीय पर्यटन की समृद्ध विविधता दर्शायी गई है। स्पेन में स्थित भारतीय दूतावास ने कार्यक्रम की तस्वीरें सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा स्पेन में भारतीय राजदूत ने फितुर 2025 में अतुल्य भारत मंडप का उद्घाटन किया। दूतावास ने बताया कि इस मंडप में भारतीय पर्यटन की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित किया गया है।
केरल मंडप ने आयुर्वेद और स्वास्थ्य के साथ-साथ कथकली, मोहिनीअट्टम और थेय्यम जैसे पारंपरिक कला रूपों पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य की विविध पर्यटन क्षमता को प्रस्तुत किया। उत्तर प्रदेश मंडप में राज्य के गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को प्रदर्शित किया गया। राजदूत ने राजस्थान मंडप के उद्घाटन में भाग लिया, जहां राज्य के राजसी आकर्षण को इसके राजसी महलों, शानदार ट्रेन यात्रा के अनुभवों और जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं के प्रदर्शन के माध्यम से जीवंत किया गया।
भारतीय दूतावास ने लिखा राजदूत ने भारतीय राज्यों की सांस्कृतिक और पर्यटन विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न मंडपों के उद्घाटन में सक्रिय रूप से भाग लिया। मध्य प्रदेश मंडप में उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के साथ मिलकर राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इको-टूरिज्म पहलों और समुदाय-केंद्रित पर्यटन अनुभवों पर प्रकाश डाला। पुडुचेरी मंडप में आगे बढ़ते हुए पटनायक ने पुडुचेरी सरकार के पर्यटन मंत्री के. लक्ष्मी नारायणन के साथ चर्चा की।
फितुर भारत के लिए अपनी शानदार पर्यटन क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर दर्शाने का एक असाधारण मंच रहा है। भारत ने इस आयोजन में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है और अपनी पर्यटन क्षमताओं को विश्व के सामने रखा है, जो न केवल सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर हैं, बल्कि वैश्विक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी हैं।