सड़कों से लेकर मैदानों तक बिखरी दिखीं मछलियां, जानें क्या है इसका वैज्ञानिक कारण
जैसे ही हवा धीमी होती है तो ये जीव उस इलाके में आसमान से गिरने लगते हैं।
दुनिया में कई ऐसे रहस्य आज भी बरकरार है जिन पर यकीन नहीं होता। इन रहस्यों में एक है आसमान से मछलियों की होने वाली बारिश। ऐसा ही एक ताजा मामला अमेरिका के टेक्सास में देखने को मिला है। टेक्सास और अर्कांसस तक फैले टेक्सारकाना में बुधवार को हुई तूफानी बारिश में आसमान से मछलियों की बारिश हुई। इस क्षेत्र में एक साथ दो तूफान आए और इसके खत्म होने के बाद लोगों को सड़कों पर सैकड़ों मछलियां पड़ी हुई मिलीं।
एनिमल रेन के नाम से जानी जाती है ऐसी बारिश
मछलियों की बारिश को पशु वर्षा (animal rain) के नाम से भी जाना जाता है। टेक्सास और अर्कांसस के निवासियों ने सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ी हुई कई तस्वीरें और वीडियो को शेयर किया है। टेक्सारकाना के आधिकारिक फेसबुक पोस्ट में बताया गया है कि आज टेक्सारकाना में मछलियों की बारिश हुई। इस पेज पर घास पर पड़ी एक मछली की तस्वीर को भी साझा किया गया है।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया आंखो देखा हाल
प्रत्यक्षदर्शी जेम्स ऑडिर्श ने डब्ल्यूसीआईए को बताया कि वह टेक्सास की ओर एक पुरानी कार डीलरशिप पर काम कर रहे थे, तभी उन्होंने बाहर बारिश और बिजली कड़कने का तेज शोर सुना। जब उन्होंने अपने डीलरशिप के दरवाजे को खोलकर बाहर देखा तो बहुत तेज बारिश हो रही थी और कई मछलियां जमीन पर पड़ी हुईं थीं। एक अन्य यूजर ने भी ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, 'हां। मेरे घर पर भी मछलियों की बारिश हुई।
अमेरिकी मौसम सेवा ने क्या कहा?
अमेरिकी नेशनल वेदर सर्विस के मौसम वैज्ञानिक गैरी चेटेलियन ने गजट को बताया कि ये मछलियां तेज हवा के साथ आसमान में उड़ जाती हैं। बारिश के दौरान ये आसमान से जमीन पर गिरने लगती हैं। टेक्सास में हुई मछलियों की बारिश को लेकर उन्होंने कहा कि ये मछलियां टेक्सोमा झील से लेकर कई दूसरे जगहों से भी आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि जो कुछ ऊपर जाता है, उसे जमीन पर एक दिन आना ही है। ऐसा ही मछलियों के साथ भी होता है।
क्यों होती है मछलियों की बारिश?
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं बवंडर या तेज तूफान के कारण होती हैं। जब बवंडर समुद्र या किसी बड़ी झील को पार करता है तो जमीन पर इसकी रफ्तार और ज्यादा बढ़ जाती है। इस दौरान चलने वाली हवाएं अपने साथ मछलियां, मेंढक, कछुए, केकड़े यहां तक कि कई बार घड़ियालों को भी साथ ले जाती हैं। ये जीव इस बवंडर के साथ उड़ते रहते हैं और तब तक आसमान में टिके रहते हैं, जब तक हवा की गति कम न हो जाए। जैसे ही हवा धीमी होती है तो ये जीव उस इलाके में आसमान से गिरने लगते हैं।