पहला क्वाड शिखर सम्मेलन! 10 खबरों में जानें कैसा रहा दुनिया के लिए ये साल

उनकी गोली मारकर हत्या की और फिर शवों में आग लगा दी.

Update: 2021-12-26 10:55 GMT

क्वाड नेताओं की पहली बैठक- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के बीच पहला क्वाड शिखर सम्मेलन (QUAD Summit) हुआ. सभी नेताओं ने व्हाइट हाउस (White House) में पहली आमने-सामने की बैठक में आतंकवाद, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा की. इन्होंने आपसी हितों से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर भी बात की. वहीं चीन क्वाड समूह का विरोध करता रहा है. इस बैठक पर भी उसकी नजर बनी हुई थी.

जो बाइडेन ने शपथ ली- अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. उन्होंने 'अमेरिका पहले' के बजाय 'अमेरिका लौट आया है' का नारा लगाया. उन्होंने 306 इलेक्टोरल वोट के साथ ये जीत हासिल की थी. जिसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इसके खिलाफ ट्रंप ने अदालतों का भी दरवाजा खटखटाया. ये शपथ समारोह इसलिए भी इतना खास था, क्योंकि बाइडेन के साथ ही उपराष्ट्रपति के तौर पर कमला हैरिस ने शपथ ली थी. वह उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला और पहली अफ्रीकी अमेरिकी और पहली दक्षिण एशियाई मूल की अमेरिकी नागरिक बनी हैं.
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा- अफगानिस्तान के लिए ये साल एक काले अध्याय जैसा रहा है. महिलाओं का सुनहरा भविष्य एक बार फिर अंधेरे में गुम हो गया. देश पर 15 अगस्त वाले दिन तालिबान ने कब्जा कर लिया. ये सब 20 साल बाद अमेरिकी सेना की वापसी के बीच हुआ. तालिबान के कब्जे के साथ ही देश की पश्चिम समर्थित सरकार गिर गई. तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए. इसके बाद इस देश के लाखों लोगों ने हवा और जमीन के रास्ते दूसरे देशों में शरण लेना शुरू कर दिया (Afghanistan Taliban). यहां तालिबान के आने के बाद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने कई घातक हमलों को भी अंजाम दिया है. इन हमलों में शिया मस्जिद से लेकर काबुल एयरपोर्ट तक को निशाना बनाया गया. फिलहाल तालिबान ने अपनी सरकार बना ली है, जिसमें वैश्विक आतंकी भी शामिल हैं. देश इस समय भुखमरी और गरीबी का सामना कर रहा है.
अमीरों के बीच अंतरिक्ष में जाने की होड़- एलन मस्क, जेफ बेजोस और रिचर्ड ब्रैनसन सभी इस साल निजी अंतरिक्ष यात्रा के चलते सुर्खियों में रहे. 11 जुलाई को, ब्रैनसन अपने खुद के रॉकेट से अंतरिक्ष में पहुंचने वाले पहले नागरिक बन गए. नासा, अमेरिकी सेना और फेडरल एविएशन अथॉरिटी के अनुसार, ब्रैनसन धरती से 53 मील की ऊंचाई तक गए थे. ब्रैनसन की यात्रा के नौ दिन बाद ब्लू ओरिजिन के रॉकेट से जेफ बेजोस भी अंतरिक्ष की यात्रा के लिए रवाना हुए. वह अपनी टीम के साथ पृथ्वी की सतह से 66.5 मील की ऊंचाई पर गए. अब ये कारोबारी अरबों डॉलर लेकर आम नागरिकों को अंतरिक्ष की सैर कराने के लिए तैयार हैं.
स्वेज नहर में छह दिन तक फंसा रहा जहाज- मिस्र की स्वेज नहर में विशालकाय मालवाहक जहाज एवर गिवन (Suez Canal Ever Given Stuck) करीब छह दिनों तक फंसा रहा. विशेष नौकाओं से ऊंची लहरों की मदद से रेत में फंसे जहाज को बाहर निकाला गया. ये मामला मार्च महीने के आखिरी हफ्ते का है. 18,000 से अधिक कंटेनरों को ले जाने वाले जहाज के फंसे होने के कारण करीब 400 जहाज इस रास्ते से नहीं गुजर पा रहे थे. जिसके कारण पहले से ही कमजोर वैश्विक सप्लाई चेन को धक्का लगा. इससे अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है.
म्यांमार में सेना ने तख्तापलट किया- म्यांमार के लिए साल की शुरुआत ही बेहद खराब हुई. यहां 1 फरवरी वाले दिन सेना ने तख्तापलट कर दिया था. लोगों की लोकतांत्रित तरीके से चुनी हुई सरकार को गिरा दिया गया. सभी नेताओं को हिरासत में लिया गया. इसके बाद देश में बड़े स्तर पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए. लोगों की आवाज दबाने के लिए सैनिकों ने उनपर गोलीबारी कर दी (Myanmar Military Coup). इसमें बच्चों की भी मौत हुई. देश में अब भी शांति नहीं है. जिन इलाकों में सेना के खिलाफ विद्रोह करने वाले लोग रह रहे हैं, वहां हवाई हमले किए जा रहे हैं. दुख की बात ये है कि इन हमलों में बुजुर्ग, छोटे बच्चे और महिलाओं की मौत हो रही है. म्यांमार की सेना वक्त के साथ अधिक क्रूर होती जा रही है. हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें सेना ने लोगों को गिरफ्तार कर पहले उनकी गोली मारकर हत्या की और फिर शवों में आग लगा दी.


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