भारत पहुंची MH 60 रोमियो हेलिकॉप्टर की पहली खेप, अमेरिका में बना यह हेलीकॉप्टर
यही कारण है कि इस हेलीकॉप्टर को पनडुब्बियों का काल कहा जाता है।
अमेरिका से खरीदे गए एमएच-60 रोमियो (MH-60 Romeo) मल्टीरोल हेलीकॉप्टर भारत पहुंच चुके हैं। अमेरिका ने रोमियो हेलीकॉप्टर की दो यूनिट को कोचीन में भारतीय नौसेना को सौंप दिया है। भारत ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ 2.6 अरब डॉलर की कीमत में ऐसे 24 हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा किया था।
भारतीय नौसेना के सी किंग हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे एमएच-60
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के समय मोदी सरकार ने 24 मल्टीयूज एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टरों को खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना के पुराने हो चुके ब्रिटेन निर्मित सी किंग हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे।
1 एमएच-60 हेलीकॉप्टर की कीमत 28 मिलियल डॉलर
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की सतह और पनडुब्बी भेदी युद्धक अभियानों को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे। ये हेलीकॉप्टर फ्रिगेट, ड्रिस्ट्रॉयर, क्रूजर और एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट किए जा सकते हैं। एक रोमियो हेलीकॉप्टर की कीमत करीब 28 मिलियन डॉलर है।
समुद्र में उड़ना फ्रिगेट है एमएच-60 हेलीकॉप्टर
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टरों को समुद्र में उड़ता फ्रिगेट कहा जाता है। इस हेलिकॉप्टर में कई मोड वाले रेडॉर, नाइट विजन उपकरण, हेलफायर मिसाइलें, एमके-54 टॉरपीडो और रॉकेट लगे हैं जो दुश्मन की सबमरीन को तबाह करने में सक्षम हैं।
भारतीय नौसेना की हेलीकॉप्टरों की लंबी तलाश हुई पूरी
भारत के पास इस समय 140 पोत हैं लेकिन इस तरह के नेवल अटैक हेलीकॉप्टर की कमी काफी समय से महसूस की जा रही है। दुनियाभर में करीब 300 एमएच 60 आर सी हॉक हेलीकॉप्टर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इस हेलीकॉप्टर की मारक क्षमता करीब 834 किलोमीटर है और वजन 689 किलोग्राम।
चीनी पनडुब्बियों का काल बनेगा एमएच-60 हेलीकॉप्टर
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना के लिए आंख, कान और लंबी दूरी तक दुश्मन का सफाया करने वाला हथियार बनेगा। यह हेलीकॉप्टर ऐसे समय पर भारतीय नौसेना में शामिल किया जा रहा है जब हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों और जंगी जहाजों के घुसपैठ अचानक बढ़ी है।
भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाएगा एमएच-60 रोमियो
एमएच 60 रोमियो हेलीकॉप्टर में लगे रडॉर और सेंसर न केवल पानी के अंदर जा रही पनडुब्बियों की पहचान करने में सक्षम होंगे बल्कि समय रहते उनका शिकार भी कर सकेंगे। यही कारण है कि इस हेलीकॉप्टर को पनडुब्बियों का काल कहा जाता है।