सुपरमार्केट में आग से कोहराम, 396 लोगों की हुई मौत
दुनियाभर के देशों में खरीददारी के लिए सुपरमार्केट मौजूद होते हैं, जहां पर लोग अपनी रोजमर्रा की चीजों को खरीदने के लिए पहुंचते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर के देशों में खरीददारी के लिए सुपरमार्केट मौजूद होते हैं, जहां पर लोग अपनी रोजमर्रा की चीजों को खरीदने के लिए पहुंचते हैं. इन सुपरमार्केट्स को लोगों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए हर तरह की सुविधाओं से लैस किया जाता है. मगर क्या हो जब कोई सुपरमार्केट में खरीददारी करने के लिए जाए तो मगर जिंदा लौटकर ही वापस न आए. दरअसल, ऐसा ही एक वाकया पराग्वे (Paraguay) में आज ही के दिन सामने आया था, जब देश की राजधानी एसनशिओन (Asunción) में स्थित एक सुपरमार्केट में जबरदस्त आग (Supermarket Fire) लग गई. इस घटना मेंसुपरमार्केट में आग से कोहराम, 396 लोगों की हुई मौत
एक अगस्त 2004 को एसनशिओन के युकुआ बोलानोस सुपरमार्केट (Ycuá Bolaños supermarket) में भीषण आग लग गई. यहां गौर करने वाली बात ये है कि आग लगने पर आमतौर पर एग्जिट गेट को खोल दिया जाता है, ताकि लोग सुरक्षित बाहर निकल सके. लेकिन इस सुपरमार्केट में आग लगने के बाद एग्जिट गेट को ही बंद कर दिया गया. इसके पीछे की वजह लोगों को सामान चोरी करने से रोकना था. दूसरी ओर, जहां दुनियाभर की सुपरमार्केट सुरक्षित होती हैं, वहीं इस इमारत में पर्याप्त अग्नि सुरक्षा सिस्टम का अभाव था. सुपरमार्केट कंपनी के अध्यक्ष साथ ही विभिन्न कर्मचारियों को बाद में आग के दौरान उनके कार्यों के लिए जेल की सजा सुनाई गई.
सुपरमार्केट में कैसे लगी आग?
एक अगस्त 2004 को पहली मंजिल पर दो विस्फोट हुए, जिसके बाद आग लग गई. ये आग सात घंटे तक जलती रही, कड़ी मशक्कत के बाद दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया. घटना के बाद पता चला कि 396 लोगों की झुलसने से मौत हो गई है. इसके अलावा, 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. आग लगने के कारणों को लेकर बताया गया कि यहां पर एक खराब बारबेक्यू चिमनी थी, जिसने गर्म ज्वलनशील गैसों को छत में लीक कर दिया. इस वजह से ही आग लगी.
जान से ज्यादा सुपरमार्केट के सामान को दी तवज्जो
आग से बचने वाले लोगों और वॉलंटियर दमकलकर्मियों ने आरोप लगाया कि जिस दौरान आग लगी, उस समय सुपरमार्केट के मालिकों जुआन पियो पाइवा और उसके बेटे विक्टर डैनियल के निर्देश में कॉम्पलैक्स के भीतर के दरवाजे को बंद कर दिया गया. इस वजह से लोग धधकते कॉम्पलैक्स के भीतर ही फंस गए. ऐसा इसलिए किया गया, ताकि लोग बिना भुगतान किए सामान को लेकर न भाग सकें. हालांकि, सुपरमार्केट के प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया. वहीं, पाइवा, उसके बेटे और सिक्योरिटी गार्ड ने पुलिस के सामने सरेंडर किया और उन पर आरोप तय किए गए.