नई दिल्ली: फिनलैंड और स्वीडन ने ऐलान किया है कि वे नाटो में (NATO) में शामिल होने के लिए आवेदन करेंगे. पहले फिनलैंड फिर स्वीडन का ये बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार जारी हैं. उधर, इस ऐलान के बाद रूस ने फिनलैंड को नेटो में शामिल होने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी. इसके बावजूद फिनलैंड और स्वीडन ने NATO में शामिल होने की दिशा में कदम बढ़ाने का फैसला किया है.
फिनलैंड की रूस के साथ 830 मील की सीमा मिली है. ऐसे में अगर फिनलैंड NATO में शामिल होता है, तो रूस की नाटो क्षेत्रों के साथ साझा होने वाली सीमा लगभग दोगुनी हो जाएगी. उधर, स्वीडन की रूस के साथ भूमि सीमा नहीं है. लेकिन स्वीडन और रूस की समुद्री सीमा जुड़ी है.
फिनलैंड की पीएम सना मरीन ने राष्ट्रपति सौली नीनिस्तो के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हम, राष्ट्रपति और सरकार की विदेश नीति कमेटी ने मिलकर फैसला किया है कि फिनलैंड NATO की सदस्यता के लिए आवेदन करेगा. राष्ट्रपति सौली ने कहा, सैन्य गठबंधन का सदस्य होने से फिनलैंड की सुरक्षा बढ़ेगी, खासकर यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद. सना मरीन ने इस कदम को मजबूत जनादेश के आधार पर अहम फैसला बताया. उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि संसद आने वाले समय में NATO के सदस्य के तौर पर आवेदन करने के फैसले की पुष्टि करेगी.
वहीं, फिनलैंड के इस ऐलान के बाद स्वीडन की पीएम मैग्डेलेना एंडरसन ने कहा, वे भी स्वीडन के NATO में शामिल होने के आवेदन का समर्थन करती हैं. दरअसल, पीएम एंडरसन का ये बयान यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उनकी स्वीडिश सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने NATO की सदस्यता के विरोध करने के फैसले में बदलाव के बाद आया.
स्वीडन के विदेश मंत्री एन्न लिंडे ने कहा, आज स्वीडिश सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए NATO की सदस्यता के लिए आवेदन करने के फैसले को हां कहा है. उन्होंने कहा, यूक्रेन पर रूस के हमले से स्वीडन और यूरोप की सुरक्षा स्थिति पर असर पड़ा है.
फिनलैंड के इस ऐलान से पहले रूसी राष्ट्रपति ने फिनलैंड में अपने समकक्ष से बात की थी. इस दौरान पुतिन ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया था कि फिनलैंड की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है. हालांकि, इस दौरान फिनलैंड के राष्ट्रपति ने अपने फैसले के बारे में पुतिन को जानकारी दे दी थी. इससे पहले रूस ने चेतावनी दी थी कि अगर स्वीडन और फिनलैंड NATO में शामिल हुए तो रूस यूरोप के बाहरी इलाके में परमाणु हथियार और हाइपरसोनिक मिसाइल तैनात कर देगा. रूस ने कहा था कि फिनलैंड का ये कदम निश्चित तौर पर द्विपक्षीय रिश्तों को नुकसान पहुंचाएगा.