अमेरिका में बोलीं वित्त मंत्री सीतारमण- यूक्रेन संकट के बीच भारत चुनौतियों से अवसर तलाश रहा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से अवसरों को निकाल रहा है क्योंकि रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी जंग की वजह से दुनिया को ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और खाद्यान्न की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.

Update: 2022-04-23 02:21 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को कहा कि भारत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से अवसरों को निकाल रहा है क्योंकि रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी जंग (Russia-Ukraine war) की वजह से दुनिया को ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी (hikes in fuel prices) और खाद्यान्न की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ऊर्जा के मोर्चे पर अमेरिका की ओर से सहयोग किए जाने को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि अगर कोई सहयोग है जिसे वे (ऊर्जा पर) बढ़ाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है.

अमेरिका में भारतीय दूत तरनजीत सिंह संधू के साथ वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत अपने निर्यात के लिए एक बाजार खोजने और भूख को खत्म करने के लिए सार्थक सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस बात पर चिंता जताई है कि भारत जैसे देश, जहां अपनी कृषि उपज, विशेष रूप से अनाज को आगे बढ़ाने की क्षमता है, को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.
WTO के साथ कर रहे कठिनाइयों का सामनाः निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "… मैंने आवाज उठाई है कि भारत जैसे देश, जिसमें अपनी कृषि उपज, विशेष रूप से अनाज को आगे बढ़ाने की अपार क्षमता है, को विश्व व्यापार संगठन के साथ कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. और उसके कारण पूरी प्लेनरी (plenary) यह मान रही थी कि दुनिया भर में भूख और खाद्यान्न की कमी है – भारत जैसे देश जो तुरंत आपूर्ति कर सकते हैं, उन्हें विश्व व्यापार संगठन के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है."
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों पर एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "हां, कुछ पहलुओं में, युद्ध हमारे लिए चुनौतियां लेकर आया है. सूरजमुखी की सप्लाई, जो ज्यादातर यूक्रेन से होती थी, अब नहीं हो रही है. इसलिए, हम वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करने की कोशिश कर रहे हैं."
भारत की ऊर्जा जरूरतों पर युद्ध के कारण पड़ने वाले प्रभाव को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि रूस से आने वाले कच्चे तेल का हिस्सा 3-4 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है. ऊर्जा के लिए बड़ा हिस्सा मध्य पूर्व से और कुछ हद तक अमेरिका से आता है, वह हिस्सा जो रूसी संघ से आता है वह इतना नहीं है कि हम इससे परेशान हो जाएं."
सहयोग करते हैं तो उनका स्वागतः निर्मला सीतारमण
सीतारमण ने समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा ऊर्जा के मोर्चे पर संभावित भारत-अमेरिका सहयोग पर पूछे गए एक सवाल का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, "अगर कोई सहयोग है जिसे वे (ऊर्जा पर) बढ़ाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. लेकिन मैंने ऊर्जा संबंधी सहायता पर द्विपक्षीय बैठकों में प्रति बार कोई चर्चा नहीं की है." उन्होंने अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह की पूर्व की टिप्पणियों के जवाब में यह टिप्पणी की, जिन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान ऊर्जा के मोर्चे पर भारत-अमेरिका सहयोग को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था.
इसके अलावा, सीतारमण ने कहा कि हाल के दिनों में डिजिटलीकरण के मामले में भारत की उपलब्धि को पहचाना जा रहा है. उन्होंने कहा, "उनमें से कई तो और जानने तथा इससे जुड़े अपने अनुभव को साझा करने के लिए आगे आ रहे हैं."
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को फेडएक्स और मास्टरकार्ड जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों से वाशिंगटन में मुलाकात की. उन्होंने इन अधिकारियों से भारत में निवेश के विभिन्न अवसरों के बारे में चर्चा की. सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक में शामिल होने के लिए यहां आई हुई हैं.
कई दिग्गज हस्तियों से भी मिलीं निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री के साथ बैठक में फेडएक्स के अध्यक्ष एवं नवनिर्वाचित मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राज सुब्रमण्यम ने कहा कि वह भारत को लेकर सकारात्मक रुख रखते हैं और उनके पास महत्वपूर्ण विस्तार योजनाएं हैं. उन्होंने पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान जैसी योजनाओं के जरिए सरकार की एकीकृत विकास की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा कि कंपनी भारत में अनुसंधान एवं विकास केंद्र बनाना चाहती है.
सीतारमण ने एक्सेंचर की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जूली स्वीट से भी मुलाकात की. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, "एक्सेंचर की अध्यक्ष जूली स्वीट ने भारत सरकार के अग्रसक्रिय रुख और पारदर्शी तौर-तरीकों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि एक्सेंचर भारत के द्वितीय श्रेणी के और शहरों में मौजूदगी दर्ज करवा रहा है और उभरते अवसरों के लिए लोगों को कुशल बना रहा है. स्वीट ने यह भी बताया कि भारत में उनके कार्यबल में 47 फीसदी महिलाएं हैं."
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