फेसबुक ने बदली नीति : कोरोना वायरस के लैब में तैयार होने के दावों वाली पोस्ट नहीं हटाएगा
लेकिन अब उन यूजर्स पर शिकंजा कसेगा जो झूठा कंटेंट बड़े स्तर पर फैलाते हैं.
फेसबुक ने अपनी पॉलिसी में बदलाव करते हुए कहा है कि वह अब ऐसे पोस्ट नहीं हटाएगा जिनमें कोविड -19 मानव निर्मित या लैब में निर्मित होने की बात कही जा रही है. फेसबुक ने एक स्टेटमेंट में कहा, "कोविड -19 की उत्पत्ति की चल रही जांच और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय के बाद हम अब ऐसी पोस्टों को डिलीट नहीं करेंगे जिनमें दावा किया दा रहा है कि कोविड -19 मानव निर्मित है. हम महामारी को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं और नए तथ्य और ट्रेंड सामने पर अपनी पॉलिसी को अपडेट करते हैं. "
फेसबुक ने पहले कहा था कोरोना वायरस के बारे में झूठे या डिबंक दावों को हटा देगा. फेसबुक पहले वायरस की लैब में उत्पति की पोस्ट को गलत मानकर हटा देता था. अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वायरस की लैब में उत्पति की बात सामने आने के बाद हाल ही खुफिया एजेंसियों को इसकी जांच करने के लिए कहा है. बाइडेन ने एजेंसियों से मामले की जांच और विश्लेषण करके 90 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा था.
फेसबुक के फैसले का असर 3.45 अरब एक्टिव यूजर्स पर पड़ेगा
फेसबुक के एक्शन का प्रभाव लगभग 3.45 अरब एक्टिव यूजर्स के द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट पर पड़ेगा. जिसमें इसके मुख्य सोशल नेटवर्क, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और मैसेंजर शामिल भी हैं. फेसबुक ने अब तक इंडिपेडेंट फैक्ट चैकिंग ग्रुप पर भरोसा किया है जिन्होंने प्रयोगशाला में वायरस की उत्पति की थ्योरी को व्यापक रूप से खारिज कर दिया था.
झूठा कंटेंट शेयर करने वाले यूजर्स की पहुंच को करेगा सीमित
फेसबुक ने एक अलग बयान में यह भी कहा कि वह बार-बार झूठ कंटेंट शेयर करने वाले यूजर्स की पहुंच को सीमित करके गलत सूचना पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है. अब तक फेसबुक केवल व्यक्तिगत पोस्ट पर यह एक्शन लेता थी, लेकिन अब उन यूजर्स पर शिकंजा कसेगा जो झूठा कंटेंट बड़े स्तर पर फैलाते हैं.