विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान पर साधा निशाना

Update: 2022-09-25 00:49 GMT

दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए चीन और पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने चीन को संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट न करने पर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जो लोग घोषित आतंकवादियों का बचाव कर राजनीति करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं.

उन्होंने अपने संबोधन में पाकिस्तान का नाम लिए बिना सीमा पार आतंकवाद पर उसके समर्थन का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कोई भी बयानबाजी खून के धब्बे को ढक नहीं सकती है. संयुक्त राष्ट्र अपने अपराधियों को प्रतिबंधित करके आतंकवाद का जवाब देता है. हम सीमापार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से आतंकवाद के प्रायोजक देशों और उन्हें बचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. जयशंकर ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग कभी-कभी घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक यूएनएससी 1267 रिजॉल्यूशन व्यवस्था का जो राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा- मेरा विश्वास करिए, ऐसा करके वे देश न तो अपने हितों को आगे बढ़ाते हैं और न ही वास्तव में अपनी प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद का खामिजाया भुगतने के बाद जीरो टॉलरेंस की वकालत करता है. मालूम हो कि रिजॉल्यूशन 1267 आईएसआईएल, अलकायदा से संबंधित व्यक्तियों, समूहों, उपक्रमों और संस्थाओं के कृत्यों या गतिविधियों का समर्थन या वित्तीय सहायता देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाता है. जयशंकर ने कहा कि भारत बड़ी जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार है. भारत जी-20 की अध्यक्षता, आतंकवाद से निपटने वाली कमेटी की अध्यक्षता करने जा रहा है. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को मुंबई और नई दिल्ली में आतंकवाद विरोधी समिति में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया.


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