संयुक्त राष्ट्र महासचिव से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की मुलाकात, यूक्रेन संकट पर हुई बातचीत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से व्यापक चर्चा की और यूक्रेन संघर्ष के दुनिया पर असर के साथ ही अफगानिस्तान तथा म्यांमा में स्थिति पर भी विचार शेयर किए.

Update: 2022-04-15 01:36 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (António Guterres) से व्यापक चर्चा की और यूक्रेन संघर्ष (Ukraine Conflict) के दुनिया पर असर के साथ ही अफगानिस्तान तथा म्यांमा में स्थिति पर भी विचार शेयर किए. जयशंकर वॉशिंगटन की यात्रा के बाद बुधवार शाम को संयुक्त राष्ट्र पहुंचे थे. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ व्यापक चर्चा हुई. यूक्रेन संकट के विश्व खासतौर से खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर असर पर विचार शेयर किए गए. विकासशील देशों के लिए इसके असर गंभीर हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और म्यांमा के संबंध में ताजा घटनाक्रम पर बात की. महत्वपूर्ण समकालीन चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए भारत के साथ काम करने में उनकी रूचि की सराहना करता हूं.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने न्यूयॉर्क में जयशंकर की अगवानी की. विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने अमेरिकी समकक्ष एंटोनी ब्लिंकन और लॉयड ऑस्टिन के साथ टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लेने के लिए वॉशिंगटन डीसी पहुंचे थे. राजनाथ वार्ता के बाद अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान के मुख्यालय के दौरे के लिए वॉशिंगटन डीसी से हवाई द्वीप रवाना हो गए. हवाई में अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान वो अमेरिका की प्रशांत सेना और प्रशांत वायुसेना के मुख्यालयों की भी यात्रा करेंगे.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की मुलाकात
अमेरिका-भारत को हमेशा एक-दूसरे से कुछ सीखने को मिलता है- एंटनी ब्लिंकन

विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के उनके समकक्ष एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों के बीच शैक्षिक संबंधों को गहरा करने के महत्व को रेखांकित किया है. जयशंकर और ब्लिंकन ने मंगलवार को हावर्ड विश्वविद्यालय में अमेरिका-भारत उच्च शिक्षा संवाद के तहत एक कार्यक्रम में भाग लिया. ब्लिंकन ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में अमेरिका और भारत को हमेशा एक-दूसरे से कुछ सीखने को मिलता है.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने सोमवार को चौथी 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता की और विशेषकर शिक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का फैसला किया. दोनों देशों ने एक नया भारत-अमेरिका शिक्षा और कौशल विकास कार्य समूह गठित करने का इरादा भी व्यक्त किया है. ब्लिंकन ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमारे विश्वविद्यालयों में 2,00,000 भारतीय पढ़ रहे हैं, हमारे परिसर को समृद्ध कर रहे हैं, हमारे साथी नागरिकों को समृद्ध कर रहे हैं. ब्लिंकन ने दोनों देशों की उच्च शिक्षा प्रणालियों के बीच मजबूत बंधन के महत्व पर भी प्रकाश डाला.
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