विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'पड़ोसी देशों के साथ ही हिंद प्रशांत क्षेत्र के मित्र देशों को भी साधने की कोशिश' दी जानकारी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नए साल में भारतीय कूटनीति के रोडमैप का श्रीगणेश कर दिया है। एक दिन पहले अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ टेलीफोन पर वार्ता करने के बाद जयशंकर ने बुधवार को दो पड़ोसी देशों और हिंद महासागर में स्थित दो रणनीतिक साझेदारों से वार्ता की।

Update: 2022-01-05 16:42 GMT

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नए साल में भारतीय कूटनीति के रोडमैप का श्रीगणेश कर दिया है। एक दिन पहले अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ टेलीफोन पर वार्ता करने के बाद जयशंकर ने बुधवार को दो पड़ोसी देशों और हिंद महासागर में स्थित दो रणनीतिक साझेदारों से वार्ता की। वार्ता में नए वर्ष की औपचारिकताओं के साथ ही द्विपक्षीय रिश्तों और दूसरे क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों भी उठे। इन सभी विदेश मंत्रियों के साथ वार्ताओं के बारे में जानकारी स्वयं विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी सोशल साइट पर दी है और इन देशों के नेताओं व जनता के लिए नए वर्ष की शुभेच्छाएं प्रस्तुत की है।

अफगानिस्तान और म्यांमार को लेकर चर्चा
इंडोनेशिया की विदेश मंत्री मेंतेरी नागेरी के साथ हुई टेलीफोन वार्ता में द्विपक्षीय रिश्तों के अलावा अफगानिस्तान व म्यांमार का मुद्दा उठा है। साथ ही समूह-20 की बैठक को लेकर भी चर्चाएं हुई है। इस साल की समूह-20 की शीर्षस्तरीय बैठक इंडोनेशिया में होनी है जबकि वर्ष 2023 की बैठक भारत में होगी। इस वजह से दोनो देशों के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है। माना जा रहा है कि दोनो देशों की सरकारें आपसी रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही हैं।
पड़ोसी देशों से द्विपक्षीय वार्ता
भारत, इंडोनेशिया व आस्ट्रेलिया के साथ एक अलग त्रिस्तरीय बैठक भी करता है। जयशंकर की आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पायने के साथ हुई वार्ता को दोनो देशों के बीच बढ़ते संपर्क के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जयशंकर ने इस बात के संकेत भी दिये हैं कि वर्ष 2022 आपसी रिश्तों को और आगे बढ़ाया जाएगा। मालदीव व भूटान के विदेश मंत्रियों के साथ जयशंकर की मुख्य तौर पर द्विपक्षीय मुद्दों पर ही चर्चा हुई है। दोनो देशों को उन्होंने भारत की तरफ से आश्वस्त किया है कि कोरोना महामारी से लड़ने में उन्हें पूरी मदद दी जाएगी। साथ ही इन देशों मे भारत की मदद से चलने वाली ढांचागत परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई है।


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