विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने की फोन पर बात, यूक्रेन संकट समेत कई मुद्दों पर की चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार रात अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ फोन पर बातचीत की.

Update: 2022-03-31 01:53 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने बुधवार रात अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) के साथ फोन पर बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की. भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की ये वार्ता रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) की भारत यात्रा से एक दिन पहले हुई है. विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ सार्थक चर्चा हुई. दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की गई. हिंद-प्रशांत, यूक्रेन और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई.

वहीं अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति सहित क्षेत्रीय प्राथमिकताओं की समीक्षा के लिए आज भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की. यूक्रेन संकट पर भारत और अमेरिका लगातार संपर्क में हैं. पिछले महीने भी ब्लिंकन ने जयशंकर के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी और यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने के लिए एक मजबूत सामूहिक प्रतिक्रिया के महत्व पर बल दिया था. उधर अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह दो दिवसीय यात्रा पर बुधवार को भारत पहुंचे और कुछ घंटे बाद उन्होंने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ बातचीत की.
आज से दो दिन की भारत यात्रा पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च से दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आ रहे हैं. यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी को रूस द्वारा शुरू किए गए सैन्य अभियान के बाद ये उनकी पहली भारत यात्रा है. समझा जाता है कि लावरोव की यात्रा के दौरान भारत द्वारा रूस से तेल और द्विपक्षीय कारोबार के लिए भुगतान प्रणाली पर चर्चा पर होगी. सूत्रों के अनुसार इस दौरान भारत द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली के उपकरणों और सैन्य हथियारों की समय पर आपूर्ति पर भी जोर दिया जा सकता है.
भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और उसने रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर मतदान में हिस्सा लेने से परहेज किया है. साथ ही यूक्रेन में मानवीय संकट को लेकर रूस द्वारा पेश प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भी भारत अनुपस्थित रहा. ये इस संघर्ष को लेकर भारत के निष्पक्ष रूख को प्रदर्शित करता है. संघर्ष शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर 24 फरवरी, 2 मार्च और 7 मार्च को बात कर चुके हैं.
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