विशेषज्ञों का कहना- टीके के बिना लोग दे रहे वायरस को फैलने और बदलने का मौका

कोरोनावायरस

Update: 2021-07-04 13:27 GMT

कोरोनावायरस (Coronavirus) के अलग-अलग वेरिएंट से बचने के लिए विशेषज्ञ वैक्सीन लगवाने की सलाह दे रहे हैं. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने कहा है कि बिना वैक्सीन (Vaccine) लगवाए लोग न सिर्फ अपने स्वास्थ्य को जोखिम में डालते हैं बल्कि वो कोरोना वेरिएंट (Corona Variants) की संभावित 'फैक्ट्री' हैं.

कोरोना वायरस बीमारी के खिलाफ देश अपने लोगों को ज्यादा से ज्यादा टीका लगा रहे हैं क्योंकि संक्रमण पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में वैक्सीन की उपलब्धता की कमी, नए वायरस वेरिएंट और घातक म्यूटेशन को बढ़ने से रोकने में एक बड़ी रुकावट है.
जितना फैलेगा उतना बदलेगा वायरस
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में संक्रामक रोगों के विभाग के प्रोफेसर डॉ विलियम शेफ़नर ने कहा कि वैक्सीन न लगवाए लोगों की संख्या जितनी अधिक होगी, वायरस के बढ़ने के अवसर उतने ही अधिक होंगे. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने कहा था कि हम वायरस को जितना ज्यादा फैलने देते हैं, वायरस को बदलने का उतना ही ज्यादा मौका मिलता है.
लगभग 100 देश पहले ही डेल्टा वेरिएंट की चपेट में आ चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी शुक्रवार को आगाह कर चुकी है कि दुनिया इस महामारी के 'बहुत खतरनाक दौर' में है. वर्तमान में ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट के कहर को देखा जा सकता है, जहां स्थितियां लगभग सामान्य होने के बाद एक खराब दौर में पहुंची हैं. हालांकि ब्रिटेन की योजना 19 जुलाई को सभी प्रतिबंध हटाने की है.
ब्रिटेन में तेजी से बिगड़ रहे हालात
चिकित्सकों के प्रमुख संगठन ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (BMA) के परिषद के प्रमुख डॉ चांद नागपॉल ने आगाह किया है कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के साथ कोरोना वायरस संक्रमण 'चिंताजनक दर' के साथ लगातार बढ़ रहा है. संगठन का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन, दुकानों और स्वास्थ्य केंद्रों समेत बंद सार्वजनिक स्थानों में मास्क लगाने और अच्छे हवादार स्थानों में एकत्र होने वाले लोगों के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम 19 जुलाई के बाद भी लागू रहें.
उन्होंने कहा कि हमने पिछले 18 महीनों में टीकाकरण अभियान और देशभर के लोगों की व्यक्तिगत सावधानी से बेहतरीन प्रगति की है और सरकार को इस नाजुक मोड़ पर आकर इसे बर्बाद नहीं होने देना चाहिए. डॉ नागपॉल ने कहा कि यह 'सबकुछ या कुछ भी नहीं' का द्विआधारी फैसला नहीं है.
Tags:    

Similar News

-->