विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में किया दावा, चीन में लगातार गहराता जा रहा है जनसंख्या संकट

चीन का जनसंख्या संकट लगातार गहराता जा रहा है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि देश में स्थिति बीजिंग द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक बदतर है।

Update: 2022-06-06 02:05 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन का जनसंख्या संकट लगातार गहराता जा रहा है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि देश में स्थिति बीजिंग द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक बदतर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक, चीन में जन्म दर 0.752 फीसदी और मृत्यु दर 0.718 फीसदी दर्ज की गई। आंकड़ो के मुताबिक जन्म दर, मृत्यु दर से महज 0.034 फीसदी अधिक है। निक्केई एशिया के अनुसार, साल 2020 में यह विकास दर 0.145 फीसदी थी।

सरकार की पकड़ कमजोर करेगा जनसंख्या संकट
लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स एंड पालिटिकल साइंस में आर्थिक इतिहास के प्रोफेसर केंट डेंग ने कहा कि जनसंख्या में गिरावट पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को कमजोर करने के साथ चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन को भी कमजोर करेगी। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के मुताबिक, चीन की जनसंख्या 2021 के अंत में करीब 1.41 बिलियन दर्ज की गई। जो की पिछले वर्ष की तुलना में 480,000 अधिक थी।
विवाह पंजीकरण में आई कमी
गौरतलब है कि चीन में विवाह पंजीकरण की संख्या में लगातार गिरावट के कारण जन्म दर में गिरावट आई है। पिछले साल, चीन में विवाहों की संख्या गिरकर 36 साल के निचले स्तर पर आ गई थी। साल 2021 में बीजिंग ने नए जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून को मंजूरी दी। इस कानून के तहत चीनी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई। सरकार द्वारा तीसरे बच्चे को अनुमति देने का निर्णय 2020 में हुई जनगणना के बाद लागू किया गया। जनगणना के दौरान यह सामने आया कि चीन की जनसंख्या इतिहास में सबसे धीमी दर से बढ़ी है।
जन्म और मृत्यु दर में अंतर बहुत कम
जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, चीन के जनसांख्यिकीय खराब होने की आशंका है, क्योंकि देश में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग 18.7 फीसदी बढ़कर 264 मिलियन हो गए हैं। सिंगापुर पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कुल जनसंख्या साल 2000 से 5.8 फीसदी बढ़ी है। जो कि 1.27 अरब से 1.34 अरब तक पहुंची है। वहीं 1990 और 2000 की जनगणना के दौरान यह बढ़त करीब 11.7 फीसदी की थी। जो कि करीब दोगुनी है।
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