विशेषज्ञ ने कहा- हमेशा के लिए नहीं रह सकती कोरोना महामारी, जल्द हो जाएगी खत्म
भारत ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट झेल रही है। कोरोना ने हर क्षेत्र पर प्रभाव डाला है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
भारत ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट झेल रही है। कोरोना ने हर क्षेत्र पर प्रभाव डाला है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। साथ ही भारत ने 16 जनवरी 2021 को शुरू हुए राष्ट्रव्यापी कोरोना टीकाकरण अभियान की पहली वर्षगांठ तक 156 करोड़ के वैक्सीन लगाकर एक रिकॉर्ड कायम किया है।
टीकाकरण सबसे मजबूत हथियार
इस बीच एक राहत भरी खबर भी सामने आई है। वाशिंगटन में वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट डॉ कुतुब महमूद ने एएनआई से कहा कि कोरोना के खिलाफ टीकाकरण सबसे मजबूत हथियार है। महामारी हमेशा के लिए नहीं चल सकती है और इसका अंत बहुत करीब है।
साथ ही उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि शतरंज के इस खेल में कोई विजेता नहीं है, यह एक ड्रॉ होने जा रहा है, जहां वायरस छिप जाएगा और हम वास्तव में जीतेंगे और हम जल्द ही फेसमास्क से छुटकारा पा लेंगे। उन्होंने एक वर्ष के भीतर 60 प्रतिशत टीकाकरण हासिल करने के लिए भारत की सराहना की।
महामारी के अंत के बहुत करीब
आगे एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम महामारी के अंत के बहुत करीब पहुंच रहे हैं। इसलिए, मुझे उम्मीद है कि जैसे-जैसे हम इस साल आगे बढ़ेंगे, शायद हम बहुत जल्द महामारी से बाहर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि वायरस अपना स्वरूप बदलता है मनुष्यों में बदलती प्रतिरक्षा के अनुकूल होने के लिए म्यूटेंट बनाने की कोशिश करता है ताकि वह बच सके। उन्होंने कहा कि यह इंसानों और वायरस के बीच एक शतरंज के खेल की तरह है।
डॉ कुतुब महमूद ने शतरंज के खेल का उदाहरण देते हुए कहा कि वायरस अपनी चालें चल रहा है, हम इंसान भी अपनी चालें से उसे बाहर कर रहे हैं। हमारे पास छोटी-छोटी चालें हैं, जैसे फेसमास्क, हैंड सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग हैं और हमारे पास ऐसे हथियार हैं जिनका इस्तेमाल हमने टीकों, एंटीवायरल और एंटीबॉडी के साथ वायरस के खिलाफ किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय और वैक्सीन निर्माताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि
आगे उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि यह देश के लिए और भारत में वैक्सीन निर्माताओं के लिए एक वास्तविक बड़ी उपलब्धि है। जैसा कि आप जानते हैं कि भारतीय टीकों का विश्व स्तर पर उपयोग गया और इस बार, पिछले साल, हम इन टीकों को भारतीय डीसीजीआई के माध्यम से अनुमोदित करने की प्रक्रिया में थे। आपातकालीन उपयोग और 12 महीनों में भारत ने लगभग 60 फीसदी टीकाकरण हासिल कर लिया है, यह भारत सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय और वैक्सीन निर्माताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।