यूरोपीय संघ ने मिस्र और इजरायल के साथ ऊर्जा समझौते पर किए हस्ताक्षर, रूस पर पड़ेगा यह प्रभाव
यूरोपीय संघ रूसी तेल और गैस पर अपनी निर्भरता को खत्म करने की कोशिश में जुटा हुआ है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूरोपीय संघ (EU) रूसी तेल और गैस पर अपनी निर्भरता को खत्म करने की कोशिश में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में उसने पिछले बुधवार को मिस्र (Egypt) की राजधानी काहिरा में मिस्र और इजरायल (Israel) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य यूरोप की ऊर्जा आपूर्ति में कमी को कवर करने के लिए पूर्वी भूमध्यसागरीय ऊर्जा क्षमता का उपयोग करना है। बता दें, यूक्रेन में युद्ध के मद्देनजर रूसी ऊर्जा दिग्गज कंपनी गजप्रोम ने पोलैंड और बुल्गारिया में गैस का प्रवाह रोक दिया है। जबकि जर्मनी, इटली और फ्रांस को आपूर्ति में भारी कमी कर दी है।
'ऐतिहासिक समझौते पर इन लोगों ने किया हस्ताक्षर'
यूरोपीय संघ और मिस्र व इजरायल के बीच शुरुआती समझौता काहिरा में हुआ। इसे 'एक ऐतिहासिक समझौते' के रूप में वर्णित किया गया था। इस समझौते पर मिस्र के पेट्रोलियम मंत्री तारेक अल मोल्ला (Tarek El Molla), इजरायल के ऊर्जा मंत्री काराइन एल्हरर (Karine Elharrar) और यूरोपीय संघ के ऊर्जा आयुक्त कादरी सिमसन (Kadri Simson) ने हस्ताक्षर किए थे।
यूरोपीय संघ की रूसी जीवश्म ईंधन पर निर्भरता होगी खत्म
यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन (Ursula von der Leyen), जो हस्ताक्षर समारोह में उपस्थित थे, ने कहा कि समझौता ज्ञापन 'यूरोप को ऊर्जा आपूर्ति में एक बड़ा कदम है जो रूसी जीवाश्म ईंधन पर यूरोपीय संघ की निर्भरता को समाप्त कर देगा', जबकि इजरायल के ऊर्जा मंत्री एल्हरर ने बताया कि मिस्र और इजरायल ऊर्जा संकट में मदद करने के लिए यूरोप के साथ अपनी प्राकृतिक गैस साझा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
'मील का पत्थर है समझौता'
मिस्र के पेट्रोलियम मंत्री तारेक अल-मोल्ला ने इस सममझौते को 'मिस्र, इजरायल और यूरोपीय संघ के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर' के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि 'यह कदम एक बेंचमार्क है जो भविष्य में और अधिक समझौतों के समापन के लिए मार्ग खोलता है।'
यूरोप भेज दी जाएगी गैस
एक बयान में, यूरोपीय संघ ने समझाया कि समझौते में इसरायल, मिस्र और पूर्वी भूमध्य क्षेत्र के अन्य स्रोतों से प्राकृतिक गैस मिस्र के तरलीकृत प्राकृतिक गैस निर्यात बुनियादी ढांचे के माध्यम से यूरोप भेज दी जाएगी। यह 'दीर्घकालिक डीकार्बोनाइजेशन उद्देश्यों' के अनुरूप किया जाएगा और यह बाजार से संबंधित कीमतों पर आधारित होगा। इसके अलावा, यूरोपीय संघ ने घोषणा की कि यह मिस्र और इजरायल को अपने संबंधित क्षेत्रीय जल में गैस उत्पादन और अन्वेषण बढ़ाने में भी मदद करेगा। इसने मिस्र को 104 मिलियन अमेरिकी डालर की राहत देने का भी वादा किया, जो यूक्रेन युद्ध के कारण अनाज की भारी कमी का सामना कर रहा है।
मिस्र के एलएनजी निर्यात में होगी वृद्धि
हस्ताक्षर किए गए ज्ञापन में परिकल्पना की गई है कि इजरायल से गैस को मिस्र के भूमध्यसागरीय तट पर दो एलएनजी टर्मिनलों के लिए एक पाइपलाइन के माध्यम से लाया जाएगा, जहां महत्वपूर्ण मात्रा में इसे तरलीकृत किया जाएगा और टैंकरों पर यूरोप ले जाया जाएगा। इस तरह मिस्र के एलएनजी निर्यात में वृद्धि होगी।