भारतीय नेताओं को साथ काम करने के लिए कर रहे प्रोत्साहित: व्हाइट हाउस
यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ खड़ा होने और अपना साथ देने के लिए अमेरिका दुनियाभर के देशों पर दबाव बना रहा है
वाशिंगटन, पीटीआइ। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका, भारतीय नेताओं के संपर्क में है और यूक्रेन पर हमले के खिलाफ अपने साथ मिलकर काम करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना जारी रखेगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी से बुधवार को दैनिक प्रेस वार्ता में पूछा गया कि यूक्रेन युद्ध के बीच क्षेत्र में शांति के लिए दुनिया के सबसे बड़े व सबसे पुराने लोकतंत्र का तालमेल कैसा है।
साकी ने कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं, हम अपने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के जरिये विभिन्न माध्यमों से भारतीय नेताओं के संपर्क में हैं। हम उन्हें यूक्रेन पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले के खिलाफ खड़े होने तथा अपने साथ काम करने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं।'
यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ खड़ा होने और अपना साथ देने के लिए अमेरिका दुनियाभर के देशों पर दबाव बना रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते कहा था, 'अपने सहयोगियों व भागीदारों के साथ अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि रूसी सरकार यूक्रेन पर हमले की गंभीर आर्थिक व राजनयिक कीमत चुकाए।'
पिछले दो हफ्तों में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने यह जताने का प्रयास किया है कि वह भारत-रूस के संबंधों और सैन्य व सुरक्षा जरूरतों के लिए मास्को पर निर्भरता के मद्देनजर भारत के रुख को समझता है। अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जान क्रिस्टोफर एक्विलिनो ने पिछले हफ्ते संसद में एक सुनवाई के दौरान कहा था कि अमेरिका व भारत अद्भुत साझेदार हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध संभवत: शीर्ष बिंदु पर हैं।
इस बीच अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू को दो डेमोक्रेटिक सांसदों टेड डब्ल्यू ल्यू व टाम मालिनोव्स्की ने पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा, 'हालांकि, हम भारत के रूस के साथ संबंधों से वाकिफ हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो मार्च को हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेने के आपकी सरकार के फैसले से निराश हैं।' उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर हमला कर रूस उन नियमों को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है, जो भारत की भी सुरक्षा करते हैं।