पंजशीर में फिर हुई मुठभेड़, नॉर्दन अलायंस ने मार गिराए तालिबान के 40 से ज्यादा लड़ाके
पंजशीर को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा है. पंजशीर में तालिबान को नॉर्दन अलायंस से लगातार चुनौती मिल रही है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजशीर को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan)पर अब तालिबान (Taliban) का कब्जा है. पंजशीर में तालिबान को नॉर्दन अलायंस से लगातार चुनौती मिल रही है. तालिबान के लड़ाके पंजशीर (Panjshir) में घुसपैठ करने की कोशिश में हमले कर रह हैं. तालिबान ने गुरुवार को पंजशीर के शोतुल में अटैक किया. इस दौरान नॉर्दन अलायंस (Northern Alliance) ने मुंहतोड़ जवाब दिया. पंजशीर समर्थकों ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दिख रहा है कि पहाड़ों से तालिबानियों पर जमकर गोलियां और रॉकेट दागे जा रहे हैं. इस लड़ाई में 40 से ज्यादा तालिबानी मारे गए हैं, जबकि 19 तालिबानियों को पंजशीर की सेना ने गिरफ्तार कर लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबानी लोग अपने साथियों की लाशें छोड़कर भाग गए हैं.
इस बीच नॉर्दर्न अलायंस का कहना है कि जहां पर गोलीबारी हुई वहां करीब 40 से अधिक तालिबानी लड़ाकों के शव पड़े हैं, बाद में हमने उन्हें वापस लौटाने की कोशिश. अब तक ये शव लिए नहीं गए.
तालिबान और नॉर्दर्न अलायंस के बीच काफी दिनों से लड़ाई हो रही है. हाल के दिनों में गोलीबारी तेज हो गई है. बीते दिन विद्रोहियों के ट्विटर अकाउंट पर दी गई जानकारी में कहा गया है कि पंजशीर प्रांत के चिकरीनोव जिले में विद्रोहियों के घात लगाकर की गई कार्रवाई में तालिबान के 13 सदस्य मारे गए हैं. तालिबान का एक टैंक भी तबाह हो गया है.'
मसूद की सेना के प्रवक्ता फहीम दाष्टि ने कहा कि यह लड़ाई पंजशीर घाटी के पश्चिमी प्रवेश द्वार पर हुई है. इस जगह पर तालिबान ने हमला किया था. उन्होंने कहा कि जवाबी कार्रवाई में तालिबानी टैंक तबाह हो गया है. हमले में 8 तालिबानी मारे गए हैं और इतने ही लोग घायल हो गए हैं. विद्रोही दल के दो सदस्य भी घायल हो गए हैं. अब तक ब्रिटेन, सोवियत संघ या तालिबान किसी ने पंजशीर घाटी में सफलता नहीं पाई है.
इस घाटी में हजारों की तादाद में एंटी तालिबान लड़ाके यहां जमा हैं और तालिबान को करारा जवाब दे रहे हैं. उन्होंने नॉर्दन अलायंस का झंडा बुलंद किया है जो वर्ष 1996 से लेकर 2001 के बीच में तालिबान का विरोध कर चुका है. अहमद मसूद ने तालिबान से मांग की है कि नई सरकार में अल्पसंख्यकों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए. इसे तालिबानी मान नहीं रहे हैं. वे ताकत के बल पर पंजशीर पर कब्जा करना चाहते हैं.
पंजशीर घाटी में अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह भी मौजूद हैं, जिन्होंने तालिबान को अफगानिस्तान से उखाड़ फेंकने की कसम खाई है. इसके साथ ही अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद भी यहीं हैं. उन्होंने कहा है कि मैं अहमद शाह मसूद का बेटा हूं. मेरी डिक्शनरी में सरेंडर जैसा कोई शब्द नहीं है. ऐसे में तालिबान के लिए पंजशीर घाटी पर नियंत्रण बेहद मुश्किल होने वाला है.