इमैनुएल मैक्रों यूक्रेन-रूस के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की कोशिश में, अगले सप्ताह मास्को और कीव की करेंगे यात्रा
यूक्रेन पर आक्रमण करने से रूस को रोकने और दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को कम करने का कूटनीतिक तरीका ढूंढने के प्रयास के तहत फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज अगले सप्ताह मास्को और कीव की यात्रा करेंगे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन पर आक्रमण करने से रूस को रोकने और दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को कम करने का कूटनीतिक तरीका ढूंढने के प्रयास के तहत फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज अगले सप्ताह मास्को और कीव की यात्रा करेंगे. मैक्रों की मास्को की यात्रा सोमवार को प्रस्तावित है, जबकि अगले दिन यानी मंगलवार को वह कीव में होंगे.
शोल्ज पहले कीव की यात्रा करेंगे फिर उसके बाद मॉस्को जाएंगे. उनकी यह यात्रा क्रमश: 14 और 15 फरवरी को प्रस्तावित है. चीन ने यूक्रेन में नाटो के विस्तार पर रोक की रूस की मांग का समर्थन किया है, जबकि अमेरिका ने गुरुवार को आरोप लगाया कि रूस अपने पड़ोसी यूक्रेन की ओर से रूसी क्षेत्र पर हमला किये जाने की आशंका के बहाने सैन्य हमला करने और क्षेत्र में युद्ध थोपने की साजिश रच रहा है. हालांकि अमेरिका ने अपने दावों के समर्थन में किसी तरह की विस्तृत जानकारी नहीं दी है.
मैक्रों और पुतिन की होगी आमने-सामने बैठक
फ्रांस, नाटो का महत्वपूर्ण घटक है और रोमानिया पर रूस के हमले की आशंका के मद्देनजर गठबंधन की ओर से की जा रही तैयारी के तहत अपनी सेना भेज रहा है, लेकिन मैक्रों अपने रूसी समकक्ष के साथ संवाद की वकालत करते रहे हैं और खुद भी हाल के सप्ताह में पुतिन से कई बार बात की है. मैक्रों के कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि दोनों नेताओं के सोमवार को आमने-सामने बैठक होगी.
यूरोप के हितों की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं मैक्रों
मैक्रों वैश्विक राजनीति में अमेरिका से अलग रास्ता अपनाने की फ्रांसीसी परम्परा का निर्वाह कर रहे हैं. साथ ही इस संकट पर अपनी छाप छोड़ने और यूरोप के हितों की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं. जर्मनी ने तनाव से निपटने में विभिन्न राजनयिक प्रारूपों के महत्व पर जोर दिया है और यूक्रेन को हथियार भेजने से इनकार कर दिया है, जिसने कुछ सहयोगियों को परेशान भी किया है. संकट की घड़ी में कम सक्रियता को लेकर शोल्ज को हाल ही में अपने ही देश में आलोचना का शिकार होना पड़ा है. उधर, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने भी रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता में मध्यस्थता की पेशकश की है.