फ्रांस की राजनेता एलिजाबेथ बोर्न को सोमवार को फ्रांस का नया प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया. एलिजाबेथ फ्रांस में यह पद संभालने वाली दूसरी महिला बन गईं. 61 साल की एलिजाबेथ बोर्न पिछली सरकार में श्रम मंत्री थीं. वो जीन कास्टेक्स की जगह लेंगी. उम्मीद जताई जा रही थी कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के दोबारा चुने जाने के बाद कास्टेक्स इस्तीफा देंगे. मैक्रों और बोर्न आने वाले दिनों में पूर्ण सरकार की नियुक्ति करेंगे.
2020 में हुई थी बोर्न की आलोचना
2020 में श्रम मंत्री बनने के बाद बोर्न ने कई परिवर्तन किए, जिससे बेरोजगार लोगों को मिल रहा भत्ता कम कर दिया गया. उनके इस कदम की श्रमिक संगठनों और वामपंथियों की ओर से खूब आलोचना हुई. इससे पहले 2018 में जब वो परिवहन मंत्री बनी तो उन्हें SNCF रेलवे कंपनी की ओर से हड़ताल का सामना करना पड़ा. दरअसल बोर्न सदन में एक बिल लेकर आईं थीं, जिसमें कंप्टीशन के लिए ट्रेन नेटवर्क खोलने की योजना थी और काम पर रखे गए कर्मचारियों की हमेशा के लिए नौकरी और लाभ को खत्म कर दिया गया था. आखिरकार वो बिल पारित कराने में सफल रहीं थीं. एलिजाबेथ बोर्न कभी चुनकर नहीं आई थीं. वो अपने करियर की शुरुआत में वामपंथ के करीब थीं. उन्होंने समाजवादी राजनेता सेगोलीन रॉयल के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया और फिर राष्ट्रपति फ्रेंकोइस हॉलैंड के तहत पारिस्थितिकी मंत्री के रूप में काम किया. वह 2015 में राज्य के स्वामित्व वाली परिवहन कंपनी RATP की सीईओ बनीं, जो पेरिस मेट्रो का संचालन करती है.
वह 2017 में मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी में शामिल हुईं. मैक्रों की पहली सरकार में वह पहले परिवहन मंत्री और फिर पर्यावरण मंत्री थीं. एडिथ क्रेसन के बाद बोर्न फ्रांस में प्रधान मंत्री का पद संभालने वाली दूसरी महिला हैं. एडिथ क्रेसन 1991-1992 में प्रधान मंत्री बनीं थी, उस समय देश के राष्ट्रपति फ्रेंकोइस मिटर्रैंड थे. बढ़ती कीमतों और उच्च बेरोजगारी दर के बीच क्रेसन बहुत अलोकप्रिय हो गईं और उन्हें जल्द ही अपना पद छोड़ना पड़ा. एलिसी ने एक बयान में कहा कि सोमवार को कास्टेक्स औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा देने के लिए राष्ट्रपति भवन आए थे, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया. मैक्रों ने कास्टेक्स और उनकी टीम को धन्यवाद दिया. मैक्रों ने ट्वीट किया, 'उन्होंने फ्रांस की जनता की जुनून और समर्पण भाव के साथ सेवा की' जुलाई 2020 में कास्टेक्स ने कोविड महामारी के बीच Edouard Philippe की जगह ली थी. उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में फ्रांस की अर्थव्यस्था को पटरी पर लाने के लिए काम किया. फ्रांस में राष्ट्रपति के लिए अपने कार्यकाल के दौरान एक से अधिक प्रधान मंत्री होना आम बात है.