Imran Khan के मंत्री पर बरसे अंडे और पत्थर, भीड़ के सामने करने लगे फायरिंग, देखें VIDEO
वहीं एक-एक सीट टेक्नोक्रैट और उलेमा-ए दीन के लिए होती है.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां चुनावी अभियान के दौरान दो नेताओं पर हमला हो गया. जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी नेता मुराद सईद (Murad Saeed) और अली अमीन खान गंदापुर चुनाव प्रचार के लिए आए थे, तभी कुछ लोगों ने इनके काफिले पर हमला कर दिया. ये घटना हत्तियन बाला क्षेत्र की है. कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली अमीन गंदापुर ने हड़बड़ाहट में आकर फायरिंग करना शुरू कर दिया. इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें इमरान के नेता गोली चलाते दिख रहे हैं.
गंदापुर (Ali Amin Gandapur) ने जब हवा में फायरिंग की तो लोगों ने रास्ता खाली करते हुए इन्हें यहां से जाने दिया. बीते दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने अपनी पार्टी की तरफ से अली अमीन गंदापुर को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है. इस समिति को ये काम दिया गया है कि वह पीओके में होने वाले चुनाव प्रचार की निगरानी करे और उसे आगे बढ़ाए. इसी दौरान एक हैरान कर देने वाली बात ये हुई कि पीटीआई के पीओके सेक्शन के अध्यक्ष सरदार अब्दुल कय्यूम नियाजी को चुनाव सिमित का हिस्सा नहीं बनाया गया.
मरियम की पार्टी से मिल रही टक्कर
इन चुनावों को जीतने के लिए इमरान एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इमरान खान को यहां मरियम नवाज की पार्टी पीएमएलएन से कड़ी टक्कर मिल रही है. वहीं गंदापुर चार दिन के चुनावी दौरे के लिए पीओके आए हैं. उन्होंने कई इलाकों में हुई चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया है (POK Election Campaign). एक रैली में तो उन्होंने इमरान खान की तारीफों के बुल बांधते हुए इतना तक कहा कि वह कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने में सफल रहे हैं. उन्होंने लोगों से कहा कि उन्हें इमरान खान और उनकी पार्टी के लिए वोट करना चाहिए.
25 जुलाई को होने वाले हैं चुनाव
पीओके में 25 जुलाई को चुनाव होने वाले हैं, जिसके तहत विधानसभा के सदस्य चुने जाएंगे. यहां का एक अलग चुनाव आयोग भी है (POK Elections Date 2021). इमरान खान ही कश्मीर काउंसिल के अध्यक्ष हैं, इस लिहाज से वह क्षेत्र के सर्वेच्च पद पर हैं. यानी चुनाव कराना किसी ढकोसले से कम नहीं है. इस क्षेत्र की विधानसभा में 53 सीट हैं, जिनमें से 33 सदस्यों का चुनाव सीधे 10 जिलों से होता है. जबकि पाकिस्तान के चार प्रांतों में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों को 12 सीट मिलती हैं. एक सीट विदेशी कश्मीरी के लिए होती है और पांच महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं. वहीं एक-एक सीट टेक्नोक्रैट और उलेमा-ए दीन के लिए होती है.