ड्रैगन का नया पैंतरा, 17 हजार से ज्यादा तिब्बतियों को विस्थापित करेगा चीन, जीवनशैली में सुधार और पर्यावरण सुरक्षा का हवाला देकर बनाई पुनर्वास

हजारों फीट की ऊंचाई पर रहने वाले 17 हजार से ज्यादा तिब्बतियों को चीन ने विस्थापित करने का फैसला लिया है।

Update: 2022-06-28 01:20 GMT

फाइल फोटो 

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न लोगों की जीवनशैली में सुधार और पर्यावरण सुरक्षा का हवाला देते हुए चीन ने एक पुनर्वास योजना तैयार की है जिसके तहत लगभग 17,555 तिब्बती लोगों को दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर स्थित नागकू शहर से दूर स्थानांतरित किया जाएगा।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अगले डेढ़ महीने में लोग समुद्र तल से 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों से लगभग 3,600 मीटर के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चले जाएंगें।
चीन के क्षेत्रीय वानिकी और चरागाह प्रशासन निदेशक वू वेई ने कहा है कि नागकू शहर में लोगों का जीवन काफी जटिल है। यहां का मौसम काफी कठोर है और यहां की जमीन अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम उपजाऊ मानी जाती है। यहां घास के मैदान भी अब खराब होने लगे हैं।
वू ने कहा, चीनी सरकार की पुनर्स्थापन योजना एक जन-केंद्रित विकास विचार को दर्शाती है, जिसमें पारिस्थितिकी संरक्षण एवं बेहतर जीवन के लिए लोगों की मांग को ध्यान में रखा है। हालांकि खबरों के अनुसार चीन सरकार की पुनर्वास योजना करीब आठ वर्षों के लिए बनाई है जिसमें लगभग 100 तिब्बत कस्बों की 1,30,000 से अधिक आबादी को स्थानांतरित किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, यह योजना हाल ही में तिब्बत में जारी श्वेत पत्र के बाद आई है। जब 'तिब्बत 1951 से: लिबरेशन, डेवलपमेंट एंड प्रोस्पेरिटी फ्रॉम बीजिंग' शीर्षक से एक श्वेत पत्र जारी हुआ था। इसमें बताया गया कि कैसे तिब्बत के पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और इस बारे में सरकार को चिंता नहीं है।
नदियों का सूखना, हिमनदों का पिघलना, बाढ़, घास के मैदानों को नुकसान यह सब कुछ तिब्बत में पर्यावरण विनाश का कारण है और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने हो रहा है।
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