IVF के खर्चे को कम करने के लिए डोनेट किए Eggs, दूसरे की कोख सजाकर बांटी खुशियां

IVF के खर्चे को कम करने के लिए डोनेट किए Eggs

Update: 2022-03-12 14:09 GMT
मां बनने का सुख हर महिला अपने जीवन में कम से कम एकबार ज़रूर उठाना चाहती है. मगर कई बार कुदरत अलग ही खेल खेल जाती है. कुछ औरते मां नहीं बन पाती. मगर आज कई ऐसे ट्रिटमेंट और थेरेपी इजाद की जा चुकी है जिसकी मदद से निसंतान दंपति की झोली भी खुशियों से भर जाए.
IVF ऐसी ही एक प्रक्रिया है जिसमें कुदरत से हारी हुई औरत भी मां का सुख भोग पाती है. मगर ये प्रकिया न तो इतनी आसान है न ही सस्ती. लिहाज़ा चाहकर भी बहुत से ऐसे लोग है ये इस ज़रूरत के बाद भी इसका खर्च न उठा पाने के चलते बिना औलाद के रह जाते हैं. स्टेसी रॉबर्ट (Stacey Robert) भी ऐसी महिला हैं जो हर कोशिश के बाद भी प्रेगनेंट नहीं हुई तो आखिर में IVF का सहारा लिया. जिसके बाद वो मां तो बन गई. मगर इस थेरेपी के खर्चा उनके लिए भी आसान नहीं था लिहाज़ा IVF सेंटर और उनके बीच एक करार हुआ जिसमें स्टेसी को अपना खर्च कम करने के साथ दूसरं की मदद का भी एक विकल्प मिला जिस उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया.

 

स्टेसी के पूरे IVF प्रोसीज़र का खर्चा तकरीबन 8 लाख रु. के आसपास था. अमूमन सेंटर्स भी जानते हैं कि ये एक महंगी प्रकिया है लिहाज़ा उसे कम करने के कुछ विकल्प न देने पर लोग इसका सहारा लेने से बचने लगेंगे. इसलिए आईवीएफ सेंटर्स प्रक्रिया के बिल में डिस्काउंट देने के बदले पेशेंट से एक डील कर लेते हैं वो ये कि ट्रिटमेंट करवाने वाली महिला अपने एग्स उन्हें डोनेट करेगी ताकी वो महिलाएँ जो एग्स प्रोड्यूज़ करने में सक्षम न होने के चलते मां नहीं बन पा रही हैं उन्हें इसके ज़रिए मां बनने का सुख प्रदान किया जा सके.
दूसरे की खुशियों की वजह बनकर हैं खुश
हालांकि अपने एग्स के इस इस्तेमाल के बारे में जानकर स्टेसी बेहद खुश हुई. सालों तक अपनी संतान के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया था ऐसे में मां बनने के लिए तरसती महिलाओं का दुख दर्द वो बहुत अच्छे से महसूस कर सकती थी. हालांकि उनके सौतेल बच्चे थए फिर भी पति के साथ अपना एक बच्चा चाहती थी. लिहाज़ा उन्होंने बिना आपत्ति ये बात स्वीकार कर ली. इस तरह दूसरों की खुशियों की वह बनकर स्टेसी बेहद खुश हैं. वो खुश है इस बात से की उनके एग्स से किसी दंपति कि ज़िंदगी रोशन होगी. उनके घर भी खुशियां आएंगी. साथ ही IVF प्रोसीज़र में आए खर्चे में भी अच्छा डिस्काउंट मिल गया. एग्स डोनेशन के बदले स्टेसी को करीब 6 लाख की बचत हुई.
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