यूक्रेन संकट और द्विपक्षीय संबंधों पर मोदी-मैक्रों के बीच हुई चर्चा, ईयू देशों से करीबी बढ़ाएगा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के समापन के बाद गुरुवार तड़के पेरिस से भारत के लिए रवाना हो गए हैं।

Update: 2022-05-05 01:17 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के समापन के बाद गुरुवार तड़के पेरिस से भारत के लिए रवाना हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने व्यापार, ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई द्विपक्षीय बैठकें कीं।

इससे पहले पीएम मोदी तीन देशों की यूरोप यात्रा के अंतिम चरण में पेरिस पहुंचे। यहां मोदी का भव्य स्वागत किया गया। फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने बेहद गर्मजोशी से उन्हें गले लगाया। इस दौरान मैक्रों की पत्नी ब्रिजेट मैक्रों भी मौजूद रहीं। पीएम मोदी ने मैक्रों को दोबारा राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, "हमेशा की तरह, अपने मित्र राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलकर प्रसन्नता हुई। हमने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर लंबी बातचीत की। विभिन्न क्षेत्रों में फैली हमारी साझेदारी के साथ भारत और फ्रांस गर्वित विकास भागीदार हैं।"
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "फ्रांस की मेरी यात्रा संक्षिप्त लेकिन बहुत फलदायी रही। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और मुझे विभिन्न विषयों पर चर्चा करने का अवसर मिला। गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए मैं उन्हें और फ्रांस सरकार को धन्यवाद देता हूं।"
दोनों नेताओं की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होने से पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में मोदी और मैक्रों ने अकेले में भी बातचीत की।
पीएमओ ने ट्वीट किया, पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों की मुलाकात दोनों देशों की दोस्ती में नए आयाम जोड़ेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, दो दोस्तों की मुलाकात। मैक्रों के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। मोदी की यात्रा फ्रांस से कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई। आइए, यहां जानते हैं कि दोनों नेताओं के बीच किन-किन मुद्दों पर बातचीत हुई।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को जल्द से जल्द भारत आने का न्यौता दिया है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी इस यात्रा के दौरान अपने फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां-यवेस ले ड्रियन से मुलाकात की।
दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर कई द्विपक्षीय, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने पेरिस की अपनी संक्षिप्त यात्रा के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। इसमें भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा ताकत और सफलता को बढ़ाने की बात भी हुई।
इस दौरान हिंद प्रशांत व यूक्रेन संकट का मुद्दा भी उठा। दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
दोनों नेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी प्रमुख क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की। भारत और फ्रांस ने माना कि वो एक दूसरे को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख साझेदार के रूप में देखते हैं।
भारत और फ्रांस में यूक्रेन के संबंध में एक दूसरे की स्थिति के बारे में व्यापक समझ थी। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि निकट समन्वय और जुड़ाव महत्वपूर्ण है ताकि भारत और फ्रांस दोनों ही उभरती स्थिति में रचनात्मक भूमिका निभा सकें।
दोनों देशों माना कि मुलाकात का दौर जारी रहना चाहिए। यह मुलाकात भारत-फ्रांस की दोस्ती को और गति देगी।
राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत बेहद अच्छे माहौल में हुई। दोनों देशों के नेताओं ने खुलकर एक-दूसरे से अपनी बातें रखीं।
भारतीय समुदाय ने पेरिस में किया मोदी का भव्य स्वागत
यूरोप यात्रा के आखिरी चरण में पीएम नरेंद्र मोदी का फ्रांस में भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। मोदी को जिस होटल में ठहरना था उसके बाहर भारतीयों की भीड़ लगी थी। इसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी थे और उन्होंने पीएम से ऑटोग्राफ मांगा।
नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड और फिनलैंड के प्रधानमंत्रियों के साथ पीएम मोदी ने की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यूरोपीय देश नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड और फिनलैंड के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक कर इन देशों के साथ भारत के रिश्तों को और मजबूत करने पर चर्चा की।
यूरोपीय देशों से हरित और अक्षय ऊर्जा पर सहयोग बढ़ाएगा भारत
नॉर्डिक देशों के सम्मेलन से पहले हुई इन बैठकों में वैश्विक और क्षेत्रीय मसलों पर भी विचार-विमर्श हुआ। सभी प्रधानमंत्रियों से चर्चा में मुख्य रूप से हरित और अक्षय ऊर्जा पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की बात हुई।
पीएम बोले-नॉर्वे आर्कटिक नीति का मजबूत स्तंभ
मंगलवार को डेनमार्क पहुंचे मोदी ने बुधवार को सबसे पहले नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गार स्टोर से भेंट की। मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री जोनास से उपयोगी बैठक हुई। इस दौरान हमने ब्लू इकोनॉमी, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सेवा एवं क्षेत्रों में अपना सहयोग और बढ़ाने पर चर्चा की। भारतीय ने हाल में जो आर्कटिक नीति घोषित की है, नॉर्वे उसका एक मजबूत स्तंभ है।
स्वीडन से सुरक्षा और शोध में मजबूत होंगे रिश्ते
स्वीडन की प्रधानमंत्री मैगडेलना एंडरसन से मुलाकात में दोनों नेताओं ने अक्षय ऊर्जा, रक्षा, व्यापार और निवेश, स्मार्ट सिटी, महिला दक्षता विकास, अंतरिक्ष और विज्ञान, स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग के लिए बनाए गए ज्वाइंट एक्शन प्लान की समीक्षा की। 2018 में मोदी की स्वीडन यात्रा में ये एक्शन प्लान बनाने का फैसला हुआ था। भेंट के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, हमने, सुरक्षा, आईटी, शोध और नवोन्मेष जैसे मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर बात की। दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हमारी जनता के हित में हैं। विदेश मंत्रालय ने मुलाकात के बाद बताया कि दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित भारत-स्वीडन की 'लीड आईटी' पहल की प्रगति से संतुष्टि जताई।
डेनमार्क की युवरानी को भेंट किया बनारसी मीनाकारी से बना पक्षी
मोदी ने डेनमार्क की युवरानी मैरी को बनारसी मीनाकारी से तैयार किया गया चांदी का पक्षी भेंट किया। वाराणसी में चांदी पर मीनाकारी की विरासत 500 साल पुरानी है। मोदी ने डेनमार्क की महारानी मार्गरेट द्वितीय को गुजरात के कच्छ की रोगन पेंटिंग उपहार में दी। फिनलैंड की पीएम सना मारिन को उन्होंने राजस्थान का एक शिल्प भेंट किया। राजस्थान की कोफ्तगिरी कला से सज्जित ढाल और कच्छ की कढ़ाई से सजी दीवार पर लटकाई जाने वाली कलाकृति क्रमशः नार्वे और डेनमार्क के प्रधानमंत्रियों को भेंट की। स्वीडन के प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर पश्मीना स्टोल भेंट की।
भारत-ईयू एफटीए की प्रक्रिया को गति देगा आइसलैंड
आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोबस्डोटिर से जियोथर्मल ऊर्जा, समुद्री अर्थव्यवस्था, आर्कटिक, अक्षय ऊर्जा, फिशरीज, फूड प्रोसेसिंग, शिक्षा, डिजिटल यूनिवर्सिटी और संस्कृति के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर विचार किया।
फिनलैंड संग भविष्य की तकनीक पर सहयोग : पीएम ने फिनलैंड की पीएम सना मारिन से मुलाकात कर व्यापार, निवेश, तकनीक के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने की चर्चा की। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच डिजिटल साझेदारी, व्यापार और निवेश की अपार संभावना है।
मोदी की पांचवीं फ्रांस यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की यह पांचवीं फ्रांस यात्रा है। इससे पहले वह अप्रैल 2015, नवंबर 2015, जून 2017 और अगस्त 2019 में फ्रांस जा चुके हैं। वहीं मैक्रों ने मार्च 2018 में भारत की यात्रा की थी। इसके अलावा दोनों नेता तीन बार जी20 बैठक से इतर भी मुलाकात कर चुके हैं।
अभी फ्रांस दौरे का अहम कूटनीतिक संदेश
राजनयिक सूत्रों ने कहा कि मैक्रों की राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार जीत के तुरंत बाद मोदी की फ्रांस यात्रा के अहम कूटनीतिक संकेत हैं। इससे यह संकेत जाता है कि दोनों नेता भारत-फ्रांस साझेदारी को आने वाले वर्षों में अपनी विदेश नीति का निर्देशक सिद्धांत बनाना चाहते हैं। ये दोनों नेताओं के व्यक्तिगत संबंधों को भी दिखाता है।
यूक्रेन संकट सुलझाने के लिए लगातार प्रयासरत रहे हैं मैक्रों
मैक्रों दुनिया के उन चुनिंदा नेताओं में हैं जो रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही राष्ट्रपति पुतिन के संपर्क में हैं और संकट का समाधान निकालने का प्रयास करते रहे हैं। मंगलवार को भी उन्होंने पुतिन से बात कर सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के नाते जिम्मेदारी समझने और आक्रमण समाप्त करने की अपील की।
दुनिया की समृद्धि में दे सकते हैं ज्यादा योगदान : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत और नॉर्डिक देश मिलकर दुनिया की समृद्धि और टिकाऊ विकास में ज्यादा योगदान दे सकते हैं। पीएम ने डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद यह बात कही। डेनमार्क, स्वीडन, आइसलैंड, फिनलैंड और नॉर्वे को मिलाकर नॉर्डिक देश कहा जाता है। सम्मेलन में यूक्रेन संकट के अस्थिर करने वाले प्रभावों और इसके व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक असर पर चर्चा हुई। सभी देश मामले में करीबी संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए। सम्मेलन में मोदी के अलावा अन्य पांचों देशों के प्रधानमंत्री मौजूद थे।
साझा बयान में बताया गया कि सभी प्रधानमंत्री यूक्रेन में जारी मानवीय संकट को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। उन्होंने यूक्रेन में नागरिकों की मौत की स्पष्ट रूप से निंदा की और लड़ाई तत्काल रोकने की जरूरत दोहराई है।
मोदी ने कहा, समकालीन विश्व व्यवस्था को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के आदर पर आधारित होना चाहिए।
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