बिरजू महाराज और उदय शंकर की शिष्या ने भारतीय नृत्यों को चीन में दिलाई लोकप्रियता, नाटिका से दी दिग्गज शास्त्रीय नृत्यांगना झांग जुन को श्रद्धांजलि

भरतनाट्यम, कथक और ओडिसी जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्यों में पारंगत महान कलाकार दिवंगत झांग जुन को प्रशंसक चीन में अपने ही अंदाज में याद कर रहे हैं।

Update: 2022-06-27 03:33 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भरतनाट्यम, कथक और ओडिसी जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्यों में पारंगत महान कलाकार दिवंगत झांग जुन को प्रशंसक चीन में अपने ही अंदाज में याद कर रहे हैं। उन्होंने बिरजू महाराज और उदय शंकर जैसे दिग्गजों से दीक्षा ली थी।

उनके 300 से ज्यादा प्रशंसकों की मौजूदगी में जुन के शिष्यों-शिष्याओं ने नृत्यनाटिका के जरिए गुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनके कई शिष्य चीन में शास्त्रीय नृत्यों को बढ़ावा दे रहे हैं। एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के सभागार में हुए आयोजन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत और बैंक अध्यक्ष जिन लिकुन भी मौजूद रहे।
पुत्र ने कहा, ऊर्जा से भरा रहता था घर
झांग के बेटे हान शियाओ शिया कहते हैं, मां जब भी भारत से लौटतीं तो घर का माहौल अनोखी ऊर्जा से भर जाता। दिनभर भारतीय संगीत बजता और मां थिरकती रहतीं।
दस साल पहले हो गया था निधन
1933 में जन्मी झांग जुन का 2012 में कैंसर से निधन हो गया था। 1950 से 1975 के बीच भरतनाट्यम, कथक और ओडिसी सीखने के लिए कई बार भारत की यात्रा की। इन नृत्यों को चीन में लोकप्रिय बनाया।
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