डायनासोर पंख से कवर कर लेते थे 30 फीट एरिया, आपने नहीं सुना होगा इस रूप के बारे में
ऐसे जीवाश्म को नए नाम की आवश्यकता होती है. ऐसे में हमें इसे मौत का अजगर कहना सही लगा.
डायनासोर कितने खूंखार थे, कितने लंबे थे और कैसी लाइफ जीते थे इसे लेकर आपने तमाम रिपोर्ट देखी और पढ़ी होंगी, लेकिन जितना आप अभी तक इसके बारे में जानते हैं, उससे कई गुना ज्यादा खतरनाक इनकी एक और प्रजाति थी. ये प्रजाति इतनी खतरनाक थी कि इनके युग में आपका बचना शायद काफी मुश्किल होता. इनसे बचने के लिए आपको शायद पानी में ही जाना पड़ता. दरअसल, हाल ही में अर्जेंटीना में इसे लेकर एक खुलासा हुआ है. इसके तहत बताया गया है कि यह जानवर हवा में उड़ता भी था.
पंख से कवर कर लेते थे 30 फीट एरिया
अर्जेंटीना के रिसर्चर्स ने इसे 'मौत का अजगर' नाम दिया है. उनका दावा है कि इस उड़ने वाले सरीसृप या टेरोसॉर के शरीर का आकार एक स्कूल बस जितना था. अगर यह अपना पंख फैला देता तो 30 फीट का एरिया कवर हो जाता. इस खतरनाक जानवर को अर्जेंटीना में खोजा गया है. यह डायनासोर की एक नई प्रजाति है. शोधकर्ताओं का कहना है कि, यह धरती पर 86 मिलियन साल पहले रहा करते थे. शोधकर्ताओं का कहना है कि, ये खतरनाक परभक्षी पृथ्वी पर पहले ऐसे जीव थे जो अपने शिकार को मारने के लिए आसमान में अपने पंखों का इस्तेमाल करते थे.
अर्जेंटीना में मिला जीवाश्म
जीवाश्म विज्ञानियों की टीम ने अर्जेंटीना के पश्चिमी मेंडोज़ा प्रांत में एंडीज़ पहाड़ों में नवनिर्मित थानाटोस्ड्राकोन अमारू के जीवाश्मों की खोज की. इस दौरान उन्होंने पाया कि सरीसृप के अवशेषों को संरक्षित करने वाली चट्टानें क्रेटेशियस काल से 86 मिलियन वर्ष पहले की हैं.
20 मिलियन वर्ष पहले रहते थे
यहां अनुमानित तिथि का मतलब है कि ये भयानक उड़ने वाले सरीसृप कम से कम 20 मिलियन वर्ष पहले एक क्षुद्रग्रह प्रभाव से पहले रहते थे, जिन्होंने मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप पर लगभग 66 मिलियन वर्ष पहले धरती पर जीवन के लगभग तीन-चौथाई जीवन को मिटा दिया था. इस पूरे रिसर्च के लीडर लियोनार्डो ऑर्टिज़ ने एक इंटरव्यू में बताया कि ऐसा जीवाश्म पहले कभी नहीं देखा गया. ऐसे जीवाश्म को नए नाम की आवश्यकता होती है. ऐसे में हमें इसे मौत का अजगर कहना सही लगा.