सीमा पर तनाव के बावजूद पहली छमाही में भारत-चीन के बीच 67 अरब डालर का कारोबार

चीन से भारतीय आयात में तेज वृद्धि हुई है। यही कारण है कि भारत और चीन के बीच 2022 की पहली छमाही में 67 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ है।

Update: 2022-07-14 01:27 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन से भारतीय आयात में तेज वृद्धि हुई है। यही कारण है कि भारत और चीन के बीच 2022 की पहली छमाही में 67 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ है। माना जा रहा है कि इस वर्ष लगातार दूसरी बार भारत और चीन का द्विपक्षीय कारोबार 100 अरब डालर के पार पहुंच सकता है। सनाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, चीन की ओर से जारी आधिकारिक डाटा, सामान्य प्रशासन सीमा शुल्क ( General Administration of Customs) के अनुसार, 2022 के पहले छह माह में चीन ने भारत को 57.51 अरब डालर का निर्यात किया है। पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले इसमें 34.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, भारत से चीन को 9.57 अरब डालर का निर्यात किया गया। पिछले वर्ष के मुकाबले भारतीय निर्यात में 35.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे भारत का पहली छमाही में चीन के साथ व्यापार घाटा 47.94 अरब डालर रहा है।

जानें क्या था पिछले साल का हाल
बता दें कि साल 2021 में दोनों देशों के बीच 125 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था। गैरतलब है कि इस साल दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव काफी बढ़ चुका था। पिछले साल चीन की ओर से भारत को निर्यात 46.2 प्रतिशत बढ़कर 97.52 अरब डालर पहुंच चुका था, जबकि भारत की ओर से चीन को निर्यात भी 34.14 अरब डालर हो गया था। वहीं, भारत की ओर से चीन का निर्यात 34.2 प्रतिशत बढ़कर 28.14 अरब डालर हो गया। भारत का व्यापार घाटा साल 2021 में 69.38 अरब अमेरिकी रहा था।
जानकारों के मुताबिक, पिछले साल चीन का निर्यात बढ़ने के पीछे कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर भी काफी हद तक जिम्मेदार रही थी। भारत को तेजी से फार्मास्यूटिकल उद्दोग के लिए बड़ी मात्रा में चिकित्सकीय उत्पाद और कच्चा माल निर्यात करना पड़ा था।
सीमा विवाद को लेकर 17 जुलाई को हो सकती है उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव के शेष क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत और चीन 17 जुलाई को 16वें दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता कर सकते हैं। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच पिछले दौर की वार्ता 11 मार्च को हुई थी। नए दौर की वार्ता में भारतीय पक्ष द्वारा डेपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान की मांग के साथ ही टकराव वाले शेष सभी स्थानों से जल्द से जल्द सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दबाव बनाए जाने की उम्मीद है।
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