इस देश में मुस्लिम बाहुल्य होने के बावजूद ज्यादातर लोग हैं 'रामभक्त', जानें इनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें

मुस्लिम बाहुल्य

Update: 2021-05-19 14:47 GMT

दुनिया में आप कहीं भी चले जाएं, कुछ ना कुछ ऐसा जरूर देखने को मिल जाता है जिस पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है. आज हम आपको एक ऐसे ही देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जो है तो मुस्लिम बाहुल्य, लेकिन वहां ज्यादातर लोग 'रामभक्त' हैं. ये बात सुनकर भले ही आपको यकीन ना हो रहा हो, लेकिन यह पूरी तरह सच है.

हम बात कर रहे हैं इंडोनेशिया की, जहां पर ज्यादातर लोग मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखते हैं. इतना ही नहीं यहां मुस्लिमों की आबादी ज्यादा है. लेकिन, मुस्लिम बाहुल्य इस देश में भगवान राम में लोगों को ज्यादा आस्था है और लोग उन्हें मानते भी हैं. हैरानी की बात ये है कि यहां रामकथा यानी रामायण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है.
यहां के मुस्लिम भगवान राम को अपने जीवन का नायक और रामायण को अपने दिल के बेहद करीब किताब मानते हैं. साल 1973 में यहां अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसकी चर्चा हर ओर हुई थी. यहां रामायण का इतना गहरा प्रभाव है कि कई इलाकों में रामायण के अवशेष और रामकथा के चित्र का पत्थरों पर नक्काशी आपको आसानी से देखने को मिल जाएंगे.
आपको यहां बता दें कि जिस तरह भारत में राम की नगर अयोध्या है. वैसे ही इंडोनेशिया में योग्या है. यहां पर रामकथा को ककनिन या फिर काकावीन रामयाण के नाम से जाना जाता है. इंडोनेशिया में सांस्कृतिक रामायण के रचयिता कवि योगेश्वर हैं.
बताया जाता है कि इंडोनेशिया में जो रामायण प्रचलित है वह 26 अध्यायों का एक विशाल ग्रंथ है. इतना ही नहीं यहां रामायण का आरंभ भगवान राम के जन्म से होता है. गौरतलब है कि इंडोनेशिया सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश हैं. इसके बावजूद यहां भगवान राम को लोग काफी मानते हैं.
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