पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचारों पर ब्रिटेन में प्रदर्शन, 40 शहरों में निकाला गया जुलूस

भारतीय प्रवासी समूह ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए ब्रिटेन में 40 स्थानों पर शांतिपूर्वक जुलूस निकाला.

Update: 2021-10-05 02:18 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय प्रवासी (Indian diaspora) समूह ने पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए ब्रिटेन में 40 स्थानों पर शांतिपूर्वक जुलूस निकाला. इनसाइट यूके (Insight UK) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (International Non-Violence Day) के रूप में मनाए जाने वाले गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के अवसर पर शनिवार शाम को जुलूस का आयोजन किया गया था. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर होने वाले अत्याचारों को लेकर दुनियाभर में आवाज उठती रही हैं. खुद पाकिस्तानी मूल के लोगों ने भी इस संबंध में आवाज उठाई है.

इनसाइट यूके ने बताया कि समूह द्वारा कवर किए गए स्थानों में एडिनबर्ग, लीड्स, यॉर्क, मैनचेस्टर, वारिंगटन, बोल्टन, लिवरपूल, कैम्ब्रिज, मिल्टन कीन्स, लंदन, नॉटिंघम, लीसेस्टर, डर्बी, रग्बी, शेफील्ड, वेस्ट ब्रोमविच, ब्रिस्टल, स्विंडन, सैलिसबरी, चेल्टनहैम, स्वानसी, रीडिंग, स्लो, बेसिंगस्टोक और कार्डिफ शामिल हैं. इनसाइट यूके ने कहा, यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में ब्रिटिश हिंदू (British Hindus) पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की असहाय स्थिति, विशेष रूप से पाकिस्तान में नाबालिग लड़कियों की स्थिति को उजागर करने के लिए इकट्ठा हुए.
ब्रिटिश सरकार से दखल देने की हुई मांग
इसने कहा, जूलूस के बाद समुदाय के सदस्यों ने अपने स्थानीय सांसदों से दक्षिण एशिया और राष्ट्रमंडल मंत्री (लॉर्ड तारिक अहमद) के सामने इस मानवीय मुद्दे को उठाने की मांग की. उन्होंने ये भी मांग की कि ब्रिटिश सरकार चिंता की इन वजहों को पाकिस्तान सरकार के साथ उठाए, ताकि अल्पसंख्यकों और उनके मानवाधिकारों की रक्षा हो सके. साथ ही ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि ब्रिटिश सरकार भारत सरकार के साथ इस मामले को उठाएं कि भारत में शरण लेने वाले पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के नागरिकता आवेदन में तेजी लाई जाए.
पाकिस्तान में घटी हिंदू आबादी
खुद को ब्रिटिश हिंदू और भारतीय समुदायों के एक सामाजिक आंदोलन के रूप में बताने वाले इनसाइट यूके ने एक रिपोर्ट तैयार की है. इसमें कहा गया है कि अल्पसंख्यक धर्मों की 1,000 से अधिक युवा पाकिस्तानी लड़कियों को हर साल जबरन इस्लाम में कंवर्ट किया गया है. इसने दावा किया, 'अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता 2020 पर अमेरिकी विदेश विभाग की नवीनतम रिपोर्ट में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए एक बहुत ही अनिश्चित स्थिति को दर्शाया गया है.
1947 में स्वतंत्रता के समय, पाकिस्तान की अल्पसंख्यक आबादी लगभग 31 फीसदी थी. इसमें से 24 फीसदी या 75 लाख अल्पसंख्यक आबादी में हिंदू थे. वहीं, 75 सालों में अल्पसंख्यक आबादी घटकर 4 फीसदी रह गई है, जिनमें से हिंदू केवल 16 लाख ही बचे हैं.'


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