पाकिस्तान के गुजरांवाला में विपक्षी दलों की शक्ति प्रदर्शन आज, पहली सार्वजनिक रैली के जरिए इमरान खान दिखाएगा अपनी ताकत

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों का गठबंधन |

Update: 2020-10-16 10:26 GMT

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों का गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) आज शक्ति प्रदर्शन करने जा रहा है। 11 विपक्षी दलों का यह गठबंधन आज गुजरांवाला शहर में अपनी पहली सार्वजनिक रैली के जरिए इमरान खान को अपनी ताकत दिखाएगा। इस रैली को लंदन में भगोड़े का जीवन जी रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी संबोधित कर सकते हैं।

इमरान को ताकत दिखाएगा विपक्ष

विपक्षी दलों के इस गठबंधन का नेतृत्व पाकिस्तान के कट्टरपंथी दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान कर रहे हैं। फजलुर रहमान के अलावा, शहर के जिन्ना स्टेडियम में होने वाली रैली में अन्य महत्वपूर्ण उपस्थित लोगों में पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरयम नवाज और पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी भी शामिल होंगे।

रैली में शामिल होने वाले लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य

कोरोना वायरस के कारण आयोजनकर्ताओं ने रैली में शामिल होने के लिए मास्क पहनने को जरूरी घोषित किया हुआ है। किसी को भी बिना मास्क के कार्यक्रम स्थल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। एक दूसरे से तीन से छह फीट की दूरी भी बना कर रखनी होगी। इस रैली पर पाकिस्तान सरकार और प्रशासन भी नजर बनाए हुए है।

देशभर में कई रैलियां करेगा विपक्ष

शुक्रवार की रैली के बाद, विपक्षी दलों का यह गठबंधन 18 अक्टूबर को कराची में अपनी दूसरी सार्वजनिक बैठक करेगी। उसके बाद 25 अक्टूबर को क्वेटा में, 22 नवंबर को पेशावर में, 30 नवंबर को मुल्तान में और 13 दिसंबर को लाहौर में आखिरी सभा होगी। इन रैलियों के जरिए विपक्षी दल एक साथ मिलकर इमरान खान सरकार को उखाड़ फेकने के लिए जनता का आह्वान कर रहे हैं।

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सेना ने छोड़ा इमरान खान का साथ

पाकिस्तानी सेना ने भी अपने ऊपर बढ़ते दबावों को देखते हुए इमरान खान की मदद करने से इनकार कर दिया है। इसी कारण पाकिस्तान आर्मी चीफ के निर्देश पर हाल में ही चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के चेयरमैन और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर अपना इस्तीफा दे दिया था। अब जल्द ही पाकिस्तानी सेना अपने अधिकतर जनरलों को सरकार की सेवा से हटाने जा रही है।

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पाकिस्तान में कट्टर धार्मिक पार्टियों की ताकत बढ़ी

पाकिस्तान में इस्लामी पार्टियों का अस्तित्व हमेशा ही दोयम दर्जे का रहा है। ये पार्टियां किसी न किसी बड़ी पार्टी के पीछे लगकर उसके लिए धार्मिक वोटों को बटोरने का काम करती हैं। लेकिन पिछले साल इस्लामाबाद को घेरने के लिए मौलाना डीजल ने जो मोर्चेबंदी की थी, इससे उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई है। वहीं, इस समय पाकिस्तान की मुख्यधारा की विपक्षी पार्टियां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) नेतृत्व विहीन हैं।

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प्रमुख विपक्षी पार्टियां नेतृत्व विहीन

पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ इस समय सजा के डर से लंदन में छिपे हुए हैं। पाकिस्तानी कोर्ट तो लंदन तक उनके गिरफ्तारी का वारंट भेज चुकी है। जबकि उनके भाई और प्रमुख विपक्षी नेता शहबाज शरीफ मनी लॉन्ड्रिंग के केस में जेल में हैं। रही बात पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की तो बेनजीर भुट्टो की मौत के बाद इस पार्टी में कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो वोट खींच सके। बिलावल भुट्टो को लोग हल्के में लेते हैं, जबकि आसिफ अली जरदारी पर भ्रष्टाचार का केस चल रहा है।

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