नई दिल्ली: नजारा किसी रूसी जगह का है. ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के नीचे रूसी हथियारबंद सैनिक और बख्तरबंद गाड़ियां छिपी हैं. तभी अचानक ऊपर से एक ड्रोन उड़ते हुए आता है. पेड़ों के ऊपर से नीचे की तरफ आग की तेज लहर छोड़ता है. ये आग आम आग की तरह नहीं है. ये जहां गिर रही है, वहां चिपक जा रही है. जैसे पिघला हुआ लावा.
ये आग पेड़ों के पूरे झुरमुट को जला देती है. तभी इसमें धमाके भी होते हैं. यानी रूसी हथियार फटने लगते हैं. इस नए आग उगलने वाले ड्रोन को कई नामों से बुलाया जा रहा है. आम भाषा में फ्लेमथ्रोअर ड्रोन कहते हैं. फैंसी तरीके से इसे ड्रैगनफायर ड्रोन बुलाते हैं. इसके अलावा डिफेंस में इसका असल नाम थर्माइट ड्रोन (Thermite Drone) है.
यूक्रेन की सेना ने अपने टेलीग्राम हैंडल पर इसका वीडियो डाला था. जिसके बाद इसने X पर हंगामा मचा दिया. इस तरह का ड्रोन यूक्रेन की 108वीं सेपरेट टेरिटोरियाल डिफेंस ब्रिगेड संचालित करती है. पहले यह ड्रोन पेड़ों के नीचे छिपे दुश्मन पर आग उगलता है, इसके बाद सारा का सारा बचा हुआ हथियार नीचे ड्रॉप कर देता है.
कुछ महीनों पहले भी यूक्रेन ने रूसी सैनिकों के ऊपर थर्माइट बम का इस्तेमाल किया था. ये बम हवा में थोड़ा ऊपर फटते थे. इसके बाद बड़े इलाके में आग लगा देते या ज्वलनशील पदार्थ छोड़ देते. इनका इस्तेमाल खासतौर से रूसी गाडियों को जलाने के लिए किया जा रहा था. ताकि ये जलकर खत्म हो जाएं.
यह एक अत्यधिक तापमान वाला केमिकल मिक्सर है. इसमें जंग लगा आयरन ऑक्साइड और अल्यूमिनियम पाउडर मिलाया जाता है. थर्माइट का तापमान 2204 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा पहुंच जाता है. यानी इस तरह के हथियार का इस्तेमाल जिस चीज के ऊपर किया जाएगा, वह पिघल जाएगा.