हैती में अपराध लगातार बढ़े, दो पत्रकारों की बेरहमी से की हत्या

जिससे हाल के महीनों में ईंधन की गंभीर कमी हुई है.

Update: 2022-01-08 06:20 GMT

कैरेबियाई देश हैती की राजधानी पोर्ट ऑ प्रिंस (Port Au Prince) के एक विवादित क्षेत्र में रिपोर्टिंग करते समय दो पत्रकारों की एक गिरोह के सदस्यों ने हत्या कर दी. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. इस कैरेबियाई देश में हिंसा में वृद्धि जारी है (Haiti Violent Crime Rate). पत्रकार के नियोक्ता और मीडिया में आई कुछ खबरों में बताया गया कि दोनों को गोली मारी गई और फिर उन्हें जिंदा जला दिया गया. हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की. पुलिस के एक बयान में केवल इतना कहा गया है कि शवों पर 'गोली लगने के निशान' थे.

रेडियो इकूट एफएम ने कहा कि पत्रकार जॉन वेस्ले अमाडी को गुरुवार को लाबूल में 'हथियारबंद डाकुओं' ने मार दिया था, जब वह गिरोह से घिरे क्षेत्र में सुरक्षा मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे (Is Haiti Violent). स्टेशन के महाप्रबंधक फ्रेंकी एटिस ने कहा, 'हम इस आपराधिक और बर्बर कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं, जो जीवन जीने विशेष रूप से पत्रकारों के देश में स्वतंत्र रूप से काम करने के अधिकारों पर गंभीर हमला करता है.' पुलिस ने एक बयान जारी कर अमाडी (30) और विल्गुएन्स लुइसेंट (22) की मौत की पुष्टि की.
तीसरा पत्रकार वहां से भाग निकला
शुरुआत में सूचना मिली थी कि तीन पत्रकार घटनास्थल पर गए थे और दो मारे गए थे, जबकि तीसरा वहां से भाग निकला था. हैती में ऑनलाइन मीडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष गोडसन लेब्रून ने कहा, '2022 की शुरुआत में गिरोह ने हैती में फिर से हमला किया (Haiti Crime Rate 2021). मैं इन साथी पत्रकारों को नमन करता हूं जो सिर्फ इसलिए मारे गए क्योंकि वे सूचना पहुंचाना चाहते थे. मैं इस सिलसिले में जांच और न्याय की मांग करता हूं.'
यूएन ने हत्याओं पर जताया दुख
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'यह सिर्फ एक और उदाहरण है कि दुनिया भर के पत्रकार क्या सामना करते हैं और दुख की बात है कि उनकी हत्या सिर्फ सच बोलने की कोशिश के लिए की जाती है और हम इसके लिए सिर्फ दंड की उम्मीद कर सकते हैं.' हैती के प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने उन गिरोहों पर नकेल कसने का संकल्प लिया है (Haiti Crime Rate). अधिकारियों ने अपहरण के मामलों में वृद्धि और गैस वितरण टर्मिनलों पर रुकावटों के लिए इन गिरोहों को दोषी ठहराया है, जिससे हाल के महीनों में ईंधन की गंभीर कमी हुई है.

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