कोविड -19 वैक्सीन: यूएस एफडीए रक्त के थक्के के जोखिम के कारण जॉनसन एंड जॉनसन के उपयोग को सीमित की

न्यूरोलॉजिकल लक्षण और टीकाकरण की साइट से परे पेटीचिया नामक त्वचा के नीचे लाल धब्बे शामिल हैं।

Update: 2022-05-06 06:13 GMT

जानसन एंड जानसन का टीका कोरोना से बचने और कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए लाखों लोगों को दिया गया। इस टीकाकरण के बीच बहुत लोगों ने खून के थक्के बनने की शिकायत की, जिसके बाद यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने गुरुवार को कहा कि 'जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन ने 18 मिलियन से अधिक अमेरिकियों में जानलेवा रक्त के थक्कों का कारण बना है और इस तरह 'वैक्सीन के अधिकृत उपयोग को सीमित करना' एफडीए इसकी गारंटी देता है।'

हालांकि, खून के थक्कों का यह मामला अभी भी अत्यंत दुर्लभ है और बहुत कम ही लोगों में पाया गया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि जानसन एंड जानसन वैक्सीन का उपयोग सीमित होना चाहिए, क्योंकि अन्य, सुरक्षित विकल्प हमारे पास हैं - जिनमें फाइजर और माडर्न के टीके शामिल हैं जिनमें ऐसी शिकायत अभी तक सामने नहीं आयी है।
एफडीए ने एक बयान में कहा कि 'खून के थक्के जमने वाले सभी मामलों में पाया गया कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ बहुत ही दुर्लभ जोखिम देखे गए जिसमें, रक्त प्लेटलेट्स के निम्न स्तर पर जाना और खून के थक्के बनना शामिल है। यह एक सिंड्रोम को पैदा करता है जिसमें खून के थक्के बनते हैं और यह जानसन टीका लेने के बाद दो सप्ताह के भीतर इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। इन्हीं कारणों की वजह से जानसन टीकाकरण को रोका गया है।'
जानसन एंड जानसन वैक्सीन को पिछले साल फरवरी में आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत किया गया था।
एफडीए के सेंटर फार बायोलॉजिक्स इवैल्यूएशन एंड रिसर्च के निदेशक पीटर मार्क्स ने सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के हवाले से कहा, 'हमारी कार्रवाई इस वैक्सीन के उपयोग के बाद टीटीएस के जोखिम के हमारे नवीन विश्लेषण को दर्शाती है और कुछ व्यक्तियों के लिए वैक्सीन के उपयोग को सीमित करती है।'
मार्क्स ने आगे कहा कि एफडीए जानसन COVID-19 वैक्सीन और इसके उपयोग के बाद टीटीएस की घटना की बारीकी से निगरानी कर रहा है और प्रमाण को संशोधित करने के लिए अपनी सुरक्षा निगरानी प्रणालियों से नवीनतम जानकारी का उपयोग किया है।
एफडीए के अनुसार, इस साल 18 मार्च तक, एफडीए और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने नौ घातक मामलों सहित 60 पुष्ट टीटीएस मामलों की पहचान की है।
आपको बता दें कि टीटीएस के मामले आमतौर पर टीकाकरण के एक या दो सप्ताह बाद शुरू होते हैं। लक्षणों में सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, पैर में सूजन, लगातार पेट में दर्द, सिरदर्द या धुंधली दृष्टि जैसे न्यूरोलॉजिकल लक्षण और टीकाकरण की साइट से परे पेटीचिया नामक त्वचा के नीचे लाल धब्बे शामिल हैं।

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