Covid 19 Vaccine: कई रोक के बाद जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन ने फिर दी एस्ट्राजेनेका के टीके को मंजूरी

डब्ल्यूएचओ ने इस विषय पर और विस्तार ने जानने के लिए विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की बात कही थी।

Update: 2021-03-19 05:22 GMT

जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन फिर से एस्ट्राजेनेका कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू करेंगे। यूरोपीय संघ की औषधि नियामक संस्था (ईएमए) ने एस्ट्राजेनेका टीके को सुरक्षित और प्रभावी बताया है। इसके बाद इन देशों ने इसके दोबारा इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।

हाल के दिनों में यूरोपीय संघ के राष्ट्र सहित फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन ने स्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन के अस्थायी रूप से इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। अब इन देशों में फिर से टीकाकरण शुरू किया जाएगा। इन देशों इस वैक्सीन को बैन करने की वजह बताई कि जिन लोगों ने यह वैक्सीन लगवाई उनके शरीर पर खून के थक्के उभर आए। साथ ही कहा कि अगर लगातार इसका उपयोग होता रहा तो यह और भी बढ़ सकते हैं।
ईयू एजेंसी ने दी हरी झंडी
यूरोपीय संघ की औषधि नियामक संस्था ने कहा कि एस्ट्राजेनेका टीके से खून के थक्के जमने का खतरा नहीं है और इसके इस्तेमाल के फायदे खतरे से ज्यादा हैं। इसके साथ ही यूरोपीय देशों में इस टीके को लोगों को लगाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह, इस टीके की खुराक लेने के बाद लाखों में से कुछ लोगों के शरीर में खून के थक्के जमने की खबरें आई थीं जिसके बाद कई यूरोपीय देशों ने एस्ट्राजेनेका का टीका लगाए जाने पर रोक लगा दी थी।


जर्मनी, फ्रांस और अन्य देशों ने कहा था कि वे टीके की खुराक देने से पहले 'यूरोपियन मेडिकल एजेंसी' द्वारा इसकी मंजूरी देने का इंतजार करेंगे। एजेंसी के प्रमुख एमर कुक ने कहा कि हमारी वैज्ञानिक राय यह है कि यह टीका लोगों को कोविड-19 से बचाने में सुरक्षित और प्रभावी है।
वहीं ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्यूटिकल्स कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपने बयान में कहा था कि एक करोड़ से ज्यादा टीका लाभार्थियों की समीक्षा की गई और यह कोविड -19 वैक्सीन उपयोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित पाई गई।
डब्ल्यूएचओ दे चुका है क्लीन चिट
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को क्लीन चिट दी थी, डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि वैक्सीन और थक्कों का कोई संपर्क नहीं मिला।साथ ही संगठन ने आग्रह किया कि विश्व भर में वैक्सीन का उपयोग रुकना नहीं चाहिए और देशों को टीकाकरण अभियान जारी रखना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने इस विषय पर और विस्तार ने जानने के लिए विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की बात कही थी।




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